यह तो आपको पता ही होगा, कि सब अपनी कीमती वस्तुएँ और धन किसी सुरक्षित स्थान पर रखते हैं। अधिकतर लोग बैंक के लॉकर को सबसे अधिक सुरक्षित स्थान मानते हैं। लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि कुछ लोग ऐसे भी हैं जो अपने घर, राज्य और देश के लॉकर को नहीं बल्कि विदेशों में स्थित लॉकर को सुरक्षित मानते हैं। ऐसे लोग विदेशी बैंकों के लॉकर में गुप्त रूप से अपना धन रखने को अधिक सुरक्षित तरीका मानते हैं। यकीन न हो तो भारत के उन 714 लोगों से पूछ लें जिनके नाम पैराडाइज़ पेपर ने अपने दस्तावेजों में शामिल किए हैं।[Image Source: FirstPost]
पैराडाइज़ का डायनामाइट:
आपको 2016 के पनामा पेपर लीक के बारे में तो पता ही होगा जब काले धन का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खुलासा किया गया था। उस समय इस पेपर में उन लोगों के बारे में खुलासा किया गया था जो अपने देश में टैक्स बचाने के लिए अपने धन को विदेशों में गुप्त तरीके से भेज देते थे। इस धमाके में अनेक शख़्सियतों के राजनैतिक जीवन की बलि चढ़ गई थी। पाकिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष नवाज शरीफ इस बात का उदाहरण भी हैं।
अब पैराडाइज़ पेपर ने इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए 1 करोड़ 34 लाख दस्तावेजों के माध्यम से यह बताने की कोशिश करी है कि किस तरह फर्जी ऑफशोर कंपनियों के जरिये कुछ लोग अपना धन गुप्त रूप से विदेशों में भेज रहे हैं। इन दस्तावेजों में दुनिया भर के उन धनी लोगों के विवरण हैं जो अपने धन को गुप्त तरीके से विदेशों में निवेश करते हैं। इन दस्तावेजों के लिए 180 देशों से आंकड़े इकट्ठे किए गए हैं। भारत इस क्रम में 19वें स्थान पर है।
कैसी होती हैं ऑफशोर कंपनियाँ:
वो कंपनियाँ जो विदेशी ज़मीन पर केवल टैक्स बचाने के उद्देशय से ही खोली जाती हैं, और अपना व्यापार करतीं हैं, ऑफशोर कंपनियाँ कहलाती हैं। यह कंपनियाँ उन देशों में जहां टैक्स संबंधी नियम लचीले होते हैं, वहाँ कॉर्पोरेट टैक्स, आय कर, कैपिटल गेन जैसे अनेक करों के भुगतान से बच जातीं हैं। कानूनी दायरे में काम करने के कारण इनके गैर कानूनी काम भी वैध हो जाते हैं।
कर-स्वर्ग:
जी हाँ, यह वो स्वर्ग नहीं हैं जहां जाने की कामना हर व्यक्ति मृत्यु के बाद करता है। कर-स्वर्ग उन देशों को कहा जाता है जहां व्यक्ति की आय पर कर लगाने का कोई कानून नहीं होता है। कोई भी व्यक्ति चाहे वो दुनिया के किसी भी हिस्से में हो, अगर अपना धन इन देशों के बैंकों में रखता है तो उसे उन देशों के कानून के अनुसार कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा। स्विट्जरलैंड, हांगकांग, मॉरीशस, मोनाको, पनामा, अंडोरा, बहामास, बरमूडा, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स, बेलीज, कैमेन आइलैंड, चनाल आइलैंड, कुक आइलैंड, लिंचेस्टाइन जैसे देश दुनिया भर में कर-स्वर्ग या टैक्स-हैवन देश कहलाते हैं।
इस हमाम में कौन-कौन शामिल है:
पैराडाइज़ पेपर के दस्तावेजों में जो नाम शामिल किए गए हैं उनमें ब्रिटेन की महारानी, अमरीकी राष्ट्रपति के मंत्रिमंडल के कई धुरंधर मंत्री, कनाडा के प्रधानमंत्री के प्रमुख वित्त प्रबन्धक के अलावा विभिन्न विदेशी हस्तियाँ शामिल हैं।
इन नामों के अलावा भारत के भी कुछ प्रमुख नाम शामिल हैं। जो नाम सामने आए हैं उनमें अमिताभ बच्चन, एश्वर्या राय बच्चन, विजय माल्या, नागरिक उड्डयन मंत्री जयंत सिन्हा, अशोक सेठ जो फ़ोर्टिस-एस्कोर्ट्स अस्पताल के चेयरमैन भी हैं, संजय दत्त की पत्नी-मान्य दत्त के नाम प्रमुख हैं। व्यक्तिगत नामों के अतिरिक्त कुछ कॉर्पोरेट समूह के नाम भी इन दस्तावेजों में शामिल हैं। इनमें प्रमुख हैं: अपोलो टायर्स, हिंदुजा समूह, वीडियोकॉन, डीएस कन्स्ट्र्कशन आदि नाम प्रमुख हैं।