आज 21 वे शतक में महिलाएं पुरुष के कंधे से कंधा मिलाकर हर क्षेत्र में अपनी योग्यता का परचम लहरा रही है आज की नारी चूल्हा चौका इतने में ही सीमित ना होते हुए आज वह घर से बाहर निकलकर अपने परिवार के लिए काम करके कुछ पैसे कमाती है. लेकिन ऐसे में महिलाओं को कार्यस्थल पर होने वाले यौन उत्पीड़न से गुजरना पड़ता है.
उड़ान मल्टीपर्पज सोसायटी, पुसद, महाराष्ट्र कि और से इसी समस्या के समाधान और महिलाओं में जनजागृती करने के लिए पुसद में एक कार्यशाला आयोजन किया गया था. विषय था ‘कार्यस्थल में महिलाओं से यौन उत्पीड़न के (प्रतिबंध / निषेध / निवारण) हेतु अधिनियम 2013 और बाल यौन उत्पीडन सुरक्षा अधिनियम 2012 (pokso)’ इस पर एक दिवसीय मार्गदर्शन पर कार्यशाला का आयोजन स्व. शंकरराव सरनाईक पब्लिक लाइब्रेरी, पुसद में किया गया था.
पुसद शहर के सभी स्कूलों को इस कार्यशाला में शामिल किया गया था, इसके लिये उन्हें समूह शिक्षा अधिकारी पुसद कि और से एक पत्र भी दिया गया था. इस कार्यशाला में अँड. एस टी चंडेल और अँड. अल्पना जायसवाल ने इस विषय पर जानकारी पर मार्गदर्शन किया. यहाँ आये स्कुली छात्रों को ‘कोमल’ नामक लघु फिल्म को दिखाया गया.
कार्यशाला में डॉ. रूपाली जैसवाल, पुर्व नगराध्यक्षा श्रीमती गुल्हाने मँडम सौ सुनीता तगलपल्लेवार मँडम उपस्थित थी. साथही इस कार्यशाला को सफल बनाने के लिये प्रीति वायकुळें, आरती रघुवंशी, अंजलि जागृत जी ने परिश्रम लिये.
[स्रोत- धनवंत मस्तूद]