बद से बदतर होती दिल्ली के अस्पतालों की ओपीडी की मरीज़ व्यवस्था

अगर आप दिल्ली के किसी भी सरकारी अस्पताल में अपना इलाज कराने की बात सोच रहे है तो एक बार इस खबर को ध्यान से जरूर पढ़ियेगा, क्योंकि आज कल हमारे यहाँ के सरकारी अस्पतालों की इलाज करवाने की व्यवस्थाओं की कलई आये दिन खुलती नज़र आ रहीं है। यह रिपोर्ट हाल ही में समाने आईं हैं की सरकारी अस्पताल में जिनकी जान पहचान निकलती है उनके इलाज में किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता हैं।government hospitalयहां हम डॉक्टरों की बात नही कर रहे है उनकी जान पहचान का अर्थ यह नहीं होता कि वह किसी प्रकार की की सिफारिश में यकीन नहीं करते है। बल्कि वह यह मानवता को लेकर करते है। लेकिन कई बार यह मानवता अन्य रोगियों के लिए परेशानी का कारण बनती है, क्योंकि अस्पतालों में आए ओपीडी में मरीजों के परिजनों के पास इतना सब्र नही होता कि वह अपनी बारी का इंतजार कर सके।

जिसके बाद वह दूसरे को भी परेशानी देना आरम्भ कर देते। जिसके बाद डॉक्टर मरीज़ देखना बंद कर देते है। जिससे जो मरीज काफी गंभीर भी होते है तो वह भी उस समय डॉक्टर की सलाह लेने पर रह जाते है, इसलिए इस आलेख के माध्यम से दिल्ली सरकार और मेडिकल कौंसिल ऑफ इंडिया को हम दिल्ली के सरकारी अस्पतालो की तरफ से रोगियों को हो रही परेशनियों के बारे में आगाह करना है, जिससे इस पेशे की गरिमा बनी रहे।

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