कुछ समय पहले तक अगर आपका कोई दोस्त आपसे पार्टी देने की बात कहता था तो आप किसी अच्छे रेस्टरों को देखने से पहले वहाँ आने वाला खर्चा देखते थे। इसका कारण था पूरे बिल पर जीएसटी के कारण राशि कई बार आपको सादे खाने में भी पसीना लाने के लिए काफी होती थी। लेकिन शायद सरकार को आपकी हालत पर तरस आ गया और गत सप्ताह जीएसटी के रेट में कमी कर दी गयी है।
जीएसटी का नया आदेश :
10 नवंबर 2017 को जीएसटी परिषद द्वारा एक नया निर्णय लिया गया। इस निर्णय के अनुसार आज अथार्थ 15 नवंबर 2017 से आपको किसी भी रेस्टरों या होटल के बिल पर अब कम धन राशि का व्यय करना होगा। इस नयी घोषणा के कारण अब आपको एसी या नॉन-एसी होटल के बिल पर केवल 5% टैक्स ही देना होगा।
पहले क्या होता था :
जीएसटी की नयी घोषणा से पूर्व अगर आप एसी होटल में कोई बिल का भुगतान करते थे तो आपको कुल राशि पर 18% जीएसटी का भी भुगतान करते थे। यही बिल अगर नॉन-एसी होटल का होता था तो आपको 12% का जीएसटी चुकाना होता था। इस प्रकार यदि आप खाना वहाँ बैठकर खाते हैं या पैक करवा कर लेकर जा रहे हैं, आपकी ज़ेब से 12 से 18% का जीएसटी का भुगतान अनिवार्य रूप से जाता था।
नयी घोषणा का प्रभाव:
इस नए घोषणा के कारण अगर आपको 1000 रुपए पर 180 रुपए जीएसटी के रूप में अतिरिक्त चुकाने पड़ते थे, वहीं अब नयी दरों के लागू होने पर केवल 50 रुपए ही देने होंगे। इस प्रकार अब आप निश्चिंत होकर अपने दोस्तों को पार्टी दे सकते हैं।
इस फैसले से एक करोड़ या इससे अधिक आय वाले रेस्टोरेन्ट को अब इनपुट टैक्स क्रेडिट का फायदा भी नहीं मिलेगा। सरकार का मानना है की होटल इस फायदे को अपने उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंचा रहे थे, इसलिए इस राहत को वापस ले लिया गया है।
यहाँ यह घोषणा बेअसर है:
अगर आप इस नयी घोषणा का लाभ लेना चाहते हैं तो आपको होटल जाते समय कुछ बातों का ध्यान रखना होगा। यदि होटल के एक कमरे का एक रात रुकने का किराया 7500 रुपए या इससे अधिक है तो जीएसटी 18% ही लगेगा। पहले किसी फाइव स्टार होटल पर यह दर 28% थी।
इसके अतिरिक्त यदि आप आउटडोर केटरिंग सर्विस ले रहे हैं तो उस समय भी जीएसटी की पुरानी दर यानि 18% ही लागू होगी। यदि वे चाहें तो इनपुट टैक्स क्रेडिट राहत का लाभ ले सकते हैं।
किसको नुकसान हुआ है:
जीएसटी की दरों को 18% से 5% करने पर एसी और नॉन एसी होटल मालिक खुश नहीं हैं। उनका कहना है की उन्हें इनपुट टैक्स क्रेडिट का फायदा नहीं दिया जाएगा। इस बात से नेशनल रेस्टरों एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने मेन्यू प्राइस में वृद्धि करने की घोषणा करी है। उनका कहना है की नयी जीएसटी की दरों के लागू होने से उनकी लागत में 10% की वृद्धि हो जाएगी।
इसका असर अंतिम रूप से उपभोक्ता को भी देना पड़ सकता है, क्यूंकी अगर सरकार ने भले ही जीएसटी की दरों में कमी कर दी है, लेकिन अगर होटल में मेन्यू के दाम बढ़ गए तो आप क्या करेंगे !!!