सम्पूर्ण भारत में महाराष्ट्र को कायदे-कानून के राज्य के रूप में जाना जाता हैं इसलिए महाराष्ट्र में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधिक मामलों की संख्या को देखते हुए महाराष्ट्र राज्य सरकार ने तीन महीनों में मुंबई के केईम अस्पताल में निर्भया केंद्र शुरू करने का निर्णय लिया है इस केंद्र में पीड़ितों को कानूनी, चिकित्सक सहायता में मदद मिलेगी.महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र विधानसभा के शीतकालीन अधिवेशन सत्र के दौरान इसका ऐलान किया. मुंबई भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष आशीष शेलार ने एक नाबालिग से गैंगरेप, बलात्कार के मामले में एक खत लिखा था जिसमें 17 साल की नाबालिग लड़की से हुए गैंगरेप के बारे में लिखा उस पीड़िता से 2016 और 2017 को दो बार बलात्कार हुआ. वह लड़की मानसिक रूप से विकलांग थी वो अपने माता पिता के साथ रहती थी उसने इस मामले का संदर्भ देकर मुंबई में निर्भया केंद्र की आवश्यकता की मांग की थी.
साल 2012 में दिल्ली में ज्योति सिंह नामक एक मेडिकल छात्रा थी उसके साथ कुछ लोगों ने जबरदस्ती गैंगरेप किया और बीच सड़क पर मरने के लिए छोड़ दिया था हालांकि उसे बाद में अस्पताल में कुछ दिन के इलाज के बाद उसकी मौत हो गई. उसके बाद हुए आंदोलन में ज्योति को निर्भया के नाम से जाना गया.
इस मामले के बाद दिल्ली सरकार ने बलात्कार पीड़िता को चिकित्सिय सहायता और कानूनी सहायता के लिए निर्भया केंद्र के शुभारंभ का निर्णय लिया. हालांकि दिल्ली में इसकी शुरुआत हो चूंकि लेकिन मुंबई में ऐसा एक भी निर्भया केंद्र नहीं था इसीलिए महाराष्ट्र में मुंबई के केईम अस्पताल में तीन महीनों में शुरू करने का आश्वासन दिया.
[स्रोत- धनवंत मस्तूद]