शिवहर : गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागूं पांय । बलिहारी गुरु आपने गोविंद दियो बताय।
कबीर द्वारा रचित इन पंक्तियों के माध्यम से जीवन में गुरु के महत्व का सहज अंदाज़ा लगाया जा सकता है । गुरु-शिष्य परंपरा भारतीय संस्कृति का एक अहम और पवित्र हिस्सा हैं, जिसके कई स्वर्णिम उदाहरण हमारे इतिहास में दर्ज हैं लेकिन वर्तमान समय में कई ऐसे लोग भी हैं जो अपने अनैतिक कारनामों और लालची स्वभाव के कारण इस पवित्र परंपरा पर गहरा आघात करने का कार्य कर रहे हैं किंतु मैं जिले के एक ऐसे आदर्श गुरु नागेंद्र साह जी की दास्तान आप सभी के समक्ष प्रस्तुत करने जा रहा हूँ, जिन्होंने हमेशा समाज के सामने एक अनुकरणीय उदाहरण पेश किया हैं ।
संक्षिप्त जीवन परिचय
26 अगस्त 1945 को भारतमाता के महान वीर सपूत बाबू नवाब सिंह की जन्मभूमि ग्राम महुअरिया में स्वर्गीय भोला साह के धर में सरस्वती के एक ऐसे अग्रदूत श्री नागेंद्र साह जी का जन्म हुआ, जिन्होंने निःस्वार्थ भाव से अपना संपूर्ण जीवन अज्ञानता रूपी अंधकार को दूर करने के लिए समर्पित कर दिया ।महान शिक्षाविद् श्री नागेंद्र साह जी की प्रारंभिक पढाई शिवहर मेें ही हुई उन्होंने जिले के श्री नवाब सिंह उच्च विद्यालय से सन् 1962 में हायर सेकेंडरी की परीक्षा उत्तीर्ण की तथा सन् 1965 मे तत्कालीन जिला सीतामढ़ी के गोयनका कॉलेज से स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण की ।
एक शिक्षक के रूप में जीवन-काल
एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्में श्री नागेंद्र साह जी का एक शिक्षक के रूप में एक बेहद सफल और रोचकताओं से भरा जीवन-काल रहा हैं रोचक इस मायने में क्योंकि जिस विद्यालय श्री नवाब सिंह उच्च विद्यालय के वे कभी छात्र थे उसी विद्यालय में 30 अगस्त 1970 को शिक्षक के रूप में बहाल हुए और उसी विद्यालय से 31 अगस्त 2005 को सेवानिवृत्त भी हुए । साथ ही अगस्त महीने का उनके जीवन में विशेष महत्व हैं क्योंकि उनका जन्म, शिक्षक के रूप में बहाली एवं सेवानिवृत्ति तीनों अगस्त महीने में ही हुआ हैं ।
सेवानिवृत्त हो जाने के बाद भी निःशुल्क शिक्षा का अलख जगा रहें हैं
सन् 2005 में सेवानिवृत्त हो जाने के बाद भी 12 वर्षों से लगातार जिले के श्री नवाब उच्च विद्यालय में ससमय पहुंच कर निःशुल्क शिक्षा दान करने का महान कार्य कर रहें । फिर भी न्यूज के जिला रिपोर्टर संजय कुमार ने जब उनसे पूछा कि अधिकांश शिक्षक सेवानिवृत्त हो जाने के बाद आराम की जिदंगी व्यतीत करना पसंद करते हैं लेकिन आपने ऐसा नहीं किया और आज भी आप नियमित रूप से विद्यालय आकर देश का भविष्य संवारने का महान कार्य कर रहे हैं ऐसा करने की प्रेरणा कैसे मिली?
इस बात पर उन्होंने बताया कि जब मैं सेवानिवृत्त हो गया तब विद्यालय परिवार की ओर विदाई समारोह का आयोजन किया गया था जिसमे विद्यालय के सभी छात्र एवं शिक्षक वृंद मौजूद थे तब छात्रों ने मुझसे कहा कि सर आप जा रहें हैं तो हम लोगों का कोर्स कैसे पूरा होगा ? तब मैंने उपस्थित छात्रों से कहा कि मैं शपथ लेता हूँ कि जब तक मैं स्वस्थ और समर्थ रहूँगा तब तक मैं नि:शुल्क शिक्षा दान करता रहूँगा ।
ऐसा माना जाता है कि जो दूसरों की जिदंगी संवारता उनकी जिंदगी उपर वाला संवारता है
उपरोक्त तथ्य का जीता-जागता उदाहरण आदर्श गुरु नागेंद्र साह जी हैं वे तीन पुत्रों एवं दो पुत्रियों के पिता हैं उनके तीनों पुत्र भी सरकारी शिक्षक हैं साथ ही दोनों दामाद भी सरकारी नौकरी में हैं एवं हंसता-खेलता एक भरा पूरा परिवार हैं । 2015 में मौत से जिंदगी की जंग जीत कर आज भी 72 वर्ष की आयु में पांच किलोमीटर की दूरी पैदल तय कर नियमित रूप विद्यालय आते हैं ।
छात्रों एवं विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों की नजर में नागेंद्र सर
विद्यालय में अध्ययनरत छात्रों का कहना हैं कि हम सभी बड़े सौभाग्यशाली हैं कि ऐसे गुरु के सान्निध्य मेें रह कर शिक्षा ग्रहण करने मौका मिला हैं । वहीं विद्यालय में कार्यरत शिक्षक राजीव नयन जी का कहना हैं कि नागेंद्र सर हम सभी शिक्षकों के लिए प्रेरणास्रोत हैं और सदैव रहेंगे । अन्य सभी शिक्षकों ने भी मुक्तकंठ से आदरणीय आदर्श गुरु नागेंद्र साह जी की भूरि-भूरि प्रशंसा की ।
फिर भी न्यूज शिक्षक दिवस के शुभ अवसर पर ऐसे अद्वितीय, अतुलनीय, अनुकरणीय महान राष्ट्र सेवक को शत-शत नमन करता हैं और साथ ही आप सभी से अपील करता हैं कि आपके आस-पास कोई भी ऐसी प्रेरणादायक कहानी और आप उसे दुनियाँ तक पहुँचना चाहते हैं तो आप हमें Phirbhistory@gmail.com पर मेल करें ।
[स्रोत- संजय कुमार]
I have been fortunate or rather i say privileged to sit in your class for consecutive 3 years. Such a nobel, disciplined detailed and proud teacher. May you live forever, may the almighty gives you the strength and power. Salute to your determination Sir.
The way you teach
The knowledge you share,
The care you take
The love you shower
Makes you
The world’s best teacher
Happy Teacher’s Day !