हमारे समाज में डॉक्टर को भगवान का दर्जा दिया गया है, डॉक्टर को जीवन का रक्षक माना जाता है। डॉक्टर भले ही किसी मरे हुए व्यक्ति को जीवित ना कर सके लेकिन मरते हुए व्यक्ति को बचा सकता है डॉक्टर भगवान के द्वारा भेजा गया हुआ समाजसेवक है। हमारे समाज मे कई ऐसे डॉक्टर है जो पैसा कमाने का ही सोचते है। वह जीवन में कुछ भी खास नही कर पाते है मगर जो डॉक्टर समाजसेवा करने के लिये डॉक्टरी करते है। वह भगवान से बढकर है।महाराष्ट्र में करीब 430 धर्मादाय अस्पताल है उनमें से 76 अस्पताल नामांकित और सुविधा जनक मुम्बई में है गरीब मरीज को मुफ्त इलाज होगा। महाराष्ट्र राज्य धर्मादाय आयुक्त के निर्देश के अनुसार राखीव बेड पर गांव के गरीब मरीज इसमें इलाज कर सकते है।
इन सुविधा का लाभ लेने के लिये नीचे दिये गये प्रूफ देने होगे-
1. आधारकार्ड
2. पैनकार्ड
3. राशन कार्ड
4. इनकम सर्टिफिकेट
50 हजार से कम इनकम वालो का होगा फ्री में इलाज, 50 हजार से 1 लाख इनकम वालो को मिलेगा 50% प्रतिशत छूट.
कळंब तालुका के देवधानोरा के रहनेवाले ज्योतीराम आडशुळ खेती मे मजदूर का काम करते है। 4 साल 6महीने के प्रबूधा इस लड़के को हार्ट की प्रॉब्लेम थी। दो साल पहले उसका हार्ट का ऑपरेशन हुआ था। अचानक उस लड़के को छाती मैं दुखणे लगा और डॉक्टर ने उसका खर्चा दो से तीन लाख रुपये बताया। ज्योतीराम आड्सुल ने मुम्बई के धर्मादाय कार्यालय में जाकर राज्य आयुक्त न्या. शिवकुमार डिगे से मिलकर अपने बारे में पूरी जानकारी दी.
शिवकुमार डिगे साहब ने पंजीकरण किये हुए अस्पतालों के नाम की सूची दे दी. शिवकुमार डिगे ने आपने ऑफीस से कोकिलाबेन अस्पताल मे सम्पर्क किया और उनका 15 दिन के अंदर इलाज हो गया। ज्योतीराम आड्सुल ने तहे दिल से उनका शुक्रिया अदा किया ।
अब अस्पताल गरीब मरीज के घर धर्मादाय अस्पताल में से 76 अस्पताल नामांकित और सुविधा जनक मुम्बई में है और अब अस्पताल गरीब मरीज के घर ‘धर्मादाय रुग्णालये आपल्या धारी’ के माध्याम से 4 नवम्बर को चालू कर दी गयी है।
3 दिसम्बर से पूरे महाराष्ट्र के बचे हुए धर्मादाय के अस्पताल मैं गरीब मरीज के लिये सेवा चालू की जायेगी । मुम्बई के नामांकित अस्पताल हिँदुजा , लीलावती , कॉकिलाबेन , बॉम्बे , जसलोक, ब्रीच कँडी, ने गरीब मरीज की सेवा की।
[स्रोत- बालू राऊत]