यूपी में मीट कारोबारी हड़ताल पर, बाजार से मीट, चिकन गायब

Meat trading strike in UP, meat from the market, chicken missing

उत्तर प्रदेश में बीजेपी सरकार पहले दिन से अवैध बूचड़खानों पर कार्रवाई कर रही है. 1 हफ्ते में 300 से ज्यादा अवैध बूचड़खाने बंद किए जा चुके हैं. लेकिन बूचड़खाने पर हो रही कार्रवाई के खिलाफ प्रदेश के मीट व्यापारी नाराज हो गए हैं. व्यापारी रोजी रोटी की चिंता जता रहे हैं तो जबरन दुकानें बंद कराए जाने का भी आरोप लगा रहे हैं. प्रदेश के करीब 5 हजार मीट कारोबारी हड़ताल पर चले गए हैं. कई मशहूर नॉनवेज रेस्तरां के मालिक भी हड़ताल में शामिल हो गए हैं. गाजियाबाद में रातों रात मुर्गे की दुकानें गायब हो गई हैं.

उत्तर प्रदेश के मीट व्यापारियों का योगी सरकार के एक्शन बूचड़खाने के खिलाफ मीट कारोबारी सड़क पर उतर आए हैं. सिर्फ मुरादाबाद और लखनऊ ही नहीं गाजियाबाद हो या फिर कानपुर मीट व्यापारी गुस्से में हैं.

आरोप है कि अवैध बूचड़खाने के नाम पर प्रशासन मुर्गे और मछली की दुकानों को भी बंद करा रहे हैं. गाजियाबाद और नोएडा में तो रातों रात चिकन और मटन की दुकानें गायब हो गईं. और इसी के खिलाफ मीट व्यापारियों ने राज्य में करीब 5,000 दुकानें बंद कर दी. कई मशहूर नॉनवेज रेस्तरां के मालिकों ने रेस्टोरेंट बंद कर दिए, आलम ये हो गया कि अब यूपी में रहने वाले लोगों को चिकन और मछली भी नहीं मिल पा रही है.

योगी आदित्यनाथ और उनकी सरकार ने साफ कर दिया है, कि एनजीटी के नियमों का उल्लंघन करने वाले बूचड़खानों को बख्शा नहीं जाएगा. उनकी तालाबंदी जारी रहेगी. सरकार भले ही अवैध बूचड़खाने की बात कहे लेकिन कई जगह पुलिस और प्रशासन के डर से व्यापारी दुकानें बंद कर रहे हैं, तो कहीं जबरन दुकानें बंद कराई जा रही है.

दूसरी तरफ यूपी के मांस कारोबारी हड़ताल पर जाने के बाद बीजेपी नेता सिद्धार्थ नाथ सिंह से साफ किया कि सिर्फ अवैध बूचड़खाने बंद किए जा रहै हैं.जो दुकानें वैध हैं उनपर कोई कार्रवाई नहीं होगी. लेकिन देखने की बात यह है की इस जवाब से कारोबारी कितना संतुष्ट होते हैं.

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