नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई 2012 में तालिबान चरमपंथियों द्वारा गोली मारे जाने के बाद पहली बार पाकिस्तान लौटी है. 2012 में महिला शिक्षा प्रचार के कारण मलाला को तालिबान के चरमपंथियों ने गोली मारकर हत्या करने की कोशिश की थी उस वक्त मलाला की उम्र 15 वर्ष थी.
हालांकि मलाला ने इस छोटी सी उम्र में एक मुखर मानव अधिकार कार्यकर्ता के तौर पर अपनी मजबूत पहचान बनाते हुए अपना नाम रोशन कर दिया है. मलाला का यह दौरा 4 दिन चलने की उम्मीद है इस दौरान वह पाकिस्तान प्रधानमंत्री शाहिद खाकन अब्बासी से मुलाकात करेंगे मगर मलाला के इस दौरे की जानकारी गुप्त रखी गई है.
संवेदनशीलता के लिहाज से इस दौरे को गुप्त रखा गया है मगर पाकिस्तान के स्थानीय मीडिया ने इस्लामाबाद की बेनजीर भुट्टो अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर जो वीडियो प्रसारित किए गए हैं उनमे मलाला को अपने माता-पिता के साथ देखा गया है.
अब तक कहां रही मलाला
पूरी तरह से फिट होने के बाद मौलाना ने बच्चों की शिक्षा और उनके अधिकारों के बारे में बोलना शुरू किया और इसके बाद मलाला ने अपने पिता जियाउद्दीन के साथ मिलकर ‘मलाला फंड’ नाम की एक चैरिटी संस्था चलाएं जिसका मकसद दुनिया की हर लड़की के लिए शिक्षा की व्यवस्था कराना है.
5 years ago, I was shot in an attempt to stop me from speaking out for girls' education. Today, I attend my first lectures at Oxford. pic.twitter.com/sXGnpU1KWQ
— Malala (@Malala) October 9, 2017
बच्चों की शिक्षा के बारे में बोलने और अपनी जान के ऊपर जोखिम उठाने के लिए 2014 में मलाला को नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजा गया. आपकी जानकारी के लिए बता दे कि मलाला सबसे युवा हस्ती है जिन्हें इस पुरस्कार से नवाजा गया है और पहली पाकिस्तानी बीच में पुरस्कार जीता है. फिलहाल वह ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ रही हैं और पढ़ाई के साथ-साथ अपने अभियान पर काम कर रहे हैं.