चुनावी सीजन में नेता और देश का हाल

चुनावी सीजन चालू होते ही कुछ मौसमी नेता, सामाजिक नेता अपनें अपनें समाज को लेकर शक्ति प्रदर्शन, सामाजिक बैठक आदि करनें लग जातें हैं. जैसे यादव समाज, कुमावत, वैष्णव, जांगिड, जाट, बलाई महाकुम्भ, क्षत्रिय फलां फलां… इन समाज के ठेकेदारों सें मेरा एक प्रश्न हैं कि सस्ती बिजली, सस्ता रोडवेज व ट्रेन किराया, पीने का मीठा पानी, सडक, चिकित्सा, सरकारी स्कूल व कालेजों की सस्ती शिक्षा प्रणाली, राशन कार्ड की राशन प्रणाली की लडाई, राशन डीलर की काला-बाजारी, टैंकर माफियाओं का पानी नहीं पिलाया जाना, गॉव के मनरेगा के मजदूर को काम व दाम नहीं दिया जाने, कर्जा माफ़ी, किसान की खुदकुशी पर मौसमी नेता चुप क्यों…?Chunavi seasonइधर मूंग, मोठ, मूंगफली, बाजरा, गेंहू, दूध का लाभकारी भाव अगर किसान को मिल जाये व मजदूर को मेहनत का पूरा मेंहताना मिल जाये तो 36 कौम का भला हो सकता है फिर मौसमी व सामाजिक नेताओं को जनता क्यों नहीं पूछते कि तुम इतने बडे कारिगर हो कि समाज का भला करोगे तो कारिगर जी 36 कौम का ही भला कर दो ना, फिर सिगल जाति के पीछे क्यों पडे हो भाई? और रही बात 70 साल में अगर आपनें जातियों का अलग सें भला नहीं कर पाये तो अब आप सें क्या उम्मीद करें इसलिए वोटों के व्यापारियों सें किसान व मजदूर को सावधान रहना होगा व किसान व मजदूर वर्ग को पूंजीपतियों, जागिरदारों व कम्पनियों सें लडना होगा जो हमारे सें हमारे अधिकार, जल, जंगल व जमीन छीनना चाहतें है गूलाम बनाकर रखना चाहतें है.

मेंहनत कश की लडाई राजस्थान में कॉ. त्रिलोक सिंह, श्योपत सिंह, हरिराम चौहान, मोहर सिंह ने लडी़ थी!

अब 36 कौम की लडाई कॉ.अमराराम, पेमाराम, पवन दुगल, गुरूचरन सिंह मोड,वासुदेव शर्मा, किशन पारिक गिरधारी महिया, लालचंद भादू, भागिरत यादव, ऊस्मान खान, अब्बास खान, रामजीलाल यादव, बलवान पुनिया, श्योपत मेघवाल, भंवर सिंह, निर्मल कुमावत, छगन चौधरी, दुल्लीचंद मीणा कोटा भागिरत नेतड, सूभाष जाखड, हरफूल बाजिया, सुभाष थालोड जैसे हजारो हजार कॉमरेड राजस्थान के शिरमौर हैं जो राजस्थान को एक नया आयना दिखाना चाहतें हैं साथियो आओ फिर सें नया आयाम स्थापित करनें के लिए आवाम की लडाई लडें जिसमे ना हिन्दू, ना मुसलमान, ना जाट, ना राजपूत के लिए बल्की जिंदा आदमी के संघर्ष की बात हो ना मंदिर, ना मजिस्द, बल्की कालेज, व हॉस्पिटल सहित जन हितकारी बात हो.

कॉमरेड बनवारी लाल कुडी किसान सभा जयपुर की कलम से देश हित मे…

[स्रोत- धर्मी चंद]

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