1 नवंबर 2017 को दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान में भारत और न्यूजीलैंड के बीच टी20 सीरीज का पहला मैच खेला जाएगा जिसमें भारतीय टीम के तेज गेंदबाज आशीष नेहरा भी खेलेंगे. ये मैच आशीष नेहरा के क्रिकेट जीवन का आखरी मैच होगा. इसके बाद वह कभी भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में खेलते हुए या बॉलिंग करते हुए नजर नहीं आएंगे. अपने सन्यास की उन्होंने पहले ही घोषणा कर दी थी उन्होंने कहा था कि मैं अब क्रिकेट के सभी प्रारूप से संयास लेना चाहता हूँ किन्तु आशीष नेहरा को अपने क्रिकेट करियर में एक बात का अफसोस रहेगा.आशीष नेहरा ने सन 1999 में अपने क्रिकेट की शुरुआत की थी 20 साल लंबे करियर में आशीष नेहरा ने भारतीय क्रिकेट टीम को कई सारे मैच जिताएं, 2003 के वर्ल्ड कप में इंग्लैंड के खिलाफ उन्होंने जिस तरह से अपनी गेंदबाजी से इंग्लैंड की टीम को तहस-नहस किया था वह देखने लायक था उन्होंने उस मैच में 6 विकेट चटकाए थे और भारतीय टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई थी.
परन्तु, आशीष नेहरा को अपने लंबे करियर में अगर किसी बात का दुख रहेगा तो वह है 2003 के वर्ल्ड कप का फाइनल मैच का जिस मैच में भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के हाथों 125 रन से हारी थी. इस मैच में 20 साल बाद भारतीय टीम वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने जा रही थी, किन्तु ऑस्ट्रेलिया के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा. इस पर आशीष नेहरा ने कहा काश मैं उस मैच में भारतीय टीम के लिए कुछ कर पाता परन्तु मैं ऐसा नहीं कर पाया.
आशीष नेहरा ने कहा वैसे मैं बहुत ज्यादा भावुक इंसान नहीं हूँ, मेरे 20 साल का क्रिकेट करियर बहुत ही शानदार रहा है कई सारे उतार-चढ़ाव भी आए लेकिन मैंने कभी उनसे हार नहीं मानी और लगातार मैं अपने काम में लगा रहा. वर्ल्ड कप 2011 की उन्होंने कुछ यादें ताजा की उन्होंने कहा कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और कोच गैरी क्रिस्टन के बीच काफी तालमेल अच्छा रहा जिसकी बदौलत भारतीय टीम विश्व कप जीतने में कामयाब रही.