दोस्तों जब हम फ़ोन खरीदने जाते है तो हम ज्यादातर उसके सेल्फी कैमरे, रैम, इंटरनल मेमोरी और और उसकी बैटरी को ही ध्यान में रखते है. लेकिन ये ध्यान नहीं रखते कि फ़ोन कि परफॉर्मेंस के लिए उसका जरूरी प्रोसेसर होता है. अगर कुछ लोग प्रोसेसर को ध्यान में रखते है तो उनमे से अधिकतर ये नहीं जानते कि कौन सा प्रोसेसर बेहतर परफॉर्मेंस देता है. प्रोसेसर के साथ-साथ आपको उसके चिपसेट कि भी जानकारी होनी चाहिए. तो हम आपको बताते है कि कौन सा प्रोसेसर और चिपसेट आपके फ़ोन के लिए बेहतर है
क्या है प्रोसेसर
फोन की परफॉर्मेंस बेहतर हो इसके लिए फ़ोन में ताकतवर प्रोसेसर होना बहुत जरूरी है क्योकि प्रोसेसर ही मोबाइल फ़ोन का दिमाग होता है. मोबाइल फोन के उपयोग के दौरान आप जो भी कमांड फोन को देते हैं उस पर प्रोसेसर ही अमल करता है. फोन में प्रोसेसर जितना ताकतवर होगा, उतनी ही तेज गति से मल्टिटास्किंग, गेमिंग, फोटो और वीडियो आदि कार्य करेंगे. इसे सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट मतलब सीपीयू कहते हैं, जो एक इलेक्ट्रॉनिक सर्किट होता है. प्रोसेसर का परफॉरमेंस हर्ट्ज, किलोहर्ट्ज, मेगाहर्ट्ज और गीगाहर्ट्ज के स्केल पर नापे जाते हैं.
मेगाहर्ट्ज, गीगाहर्ट्ज का ही छोटा रूप है. एक मेगाहर्ट्ज प्रति सेकंड एक लाख फ्रीक्वेंसी का प्रतिनिधित्व करता है.माइक्रोप्रोसेसरों की इस गति को क्लॉक स्पीड भी कहा जाता है जिसे मेगाहर्ट्ज़ में मापा जाता है. जहां शुरूआत में स्मार्टफोन में 400 मेगाहर्ट्ज और 500 मेगाहर्ट्ज तक के प्रोसेसर उपयोग किए जाते थे वहीं अब गीगाहर्ट्ज वाले स्मार्टफोन भी बाजार में उपलब्ध हैं.
जब स्मार्टफोन की शुरुआत हुई तो 400 मेगाहर्ट्ज और 500 मेगाहर्ट्ज तक प्रोसेसर का उपयोग किया गया. जिनमे 800 मेगाहट्र्ज का प्रोसेसर होता था वो स्मार्टफोन बहुत अच्छे कहे जाते थे. आज भी कम रेंज के स्मार्टफोन में 700-800 मेगाहर्ट्ज तक के प्रोसेसर का उपयोग किया जा रहा है. परंतु जब क्वालकाॅम ने वर्ष 2009 में 1 गीगाहट्र्ज के प्रोसेसर को पेश किया तो मोबाइल प्रोसेसर क्षेत्र में एक नया बदलाव आया. वर्ष 2009 में तोशिबा टीजी01 में इस प्रोसेसर का उपयोग किया गया. स्मार्टफोन की पहचान ही प्रोसेसर बन गए. जिस फोन में जितना ताकतवर प्रोसेसर था वह उतना एडवांस गिना जाने लगा.
प्रोसेसर के प्रकार
शुरूआती दौर में केवल एक या दो कोर के प्रोसेसर मार्किट में उपलब्ध थे लेकिन अब टेक्नोलॉजी इतने आगे आ पहुंची है कि मार्किट में आठ कोर वाले प्रोसेसर भी उपलब्ध है. जैसे जैसे प्रोसेसर में कोर कि बढ़ोतरी होती जा रही है वैसे-वैसे परफॉर्मेंस में भी तीव्रता आ रही है.
सिंगल कोर प्रोसेसर- सिंगल कोर प्रोसेसर में एक ही प्रोसेसिंग यूनिट होता है. एक ही प्रोसेसिंग यूनिट होने की वजह से डाटा का हस्तांतरण बहुत हद तक सीमित हो जाता है. जहां मल्टीटास्किंग के दौरान थोड़ी समस्या होती है. प्रोसेसिंग क्षमता धीमी हो जाती है. सिंगल कोर प्रोसेसर आधारित फोन उन लोगें के लिए अच्छा कहा जा सकता है तो फीचर फोन से स्मार्टफोन पर मूव करना चाह रहे हैं. इसमें आप साधारण इंटरनेट और छोटे मोटे गेम ही चला सकते हैं.
डुअल कोर प्रोसेसर- डुअल कोर प्रोसेसर में कोर यूनिट दो होते हैं. कोर यूनिट दो होने से डिवाइस कार्यों को दो बराबर भागों में बांट देता है. इससे मल्टीटास्किंग आसान हो जाती है. यदि आप आपने में फोन साधारण एप्लिकेशन का उपयोग करना चाहते हैं तो डुअल कोर प्रोसेसर वाले फोन आपके लिए बेहतर हैं. इसमें आप इंटरनेट के साथ कुछ एप्लिकेशन भी ओपेन कर सकते हैं. ज्यादा डाटा अपलोड और डाउनलोड के लिए यह बेहतर नहीं कहा जा सकता.
क्वाडकोर प्रोसेसर- क्वाडकोर में डुअल कोर की अपेक्षा दो अतिरिक्त कोर होते हैं जो डाटा हस्तांतरण को बेहतर बनाते हैं. अब जहां एक नहीं, दो नहीं बल्कि चार कोर हैं. इसमें मल्टीटास्किंग और बेहतर हो जाती है. आप एक साथ ढेर सारे एप्लिकेशन ओपेन कर सकते हैं और गेमिंग का मजा भी ले सकते हैं. इसमें आप अच्छे ग्रफिक्स वाले गेम रन कर सकते हैं.
हेक्सा कोर- सबसे पहले सैमसंग ने हेक्सा कोर प्रोसेसर के साथ गैलेक्सी नोट 3 नियो को लाॅन्च किया था. हेक्सा कोर में छह कोर होते हैं. यह पिछले दोनों प्रोसेसर के मुकाबले और भी तीव्र गति से कार्य करता है. इस प्रोसेसर पर मल्टीटास्किंग के दौरान फोन हैंग कम होगा और आप उच्च ग्राफिक्स वाले गेम का भी मजा ले सकते हैं.
आॅक्टाकोर- ये आज के जमाने का प्रेसेसर है जो फोन को बेहद ही स्मार्ट बानाता है. आॅक्टाकोर प्रोसेसर में आठ कोर होते हैं. डाटा डाउनलोड-अपलोड के अलवा वीडियो डाउनलोटिंग और स्ट्रींग मेंं के लिए यह प्रोसेसर खास कहा जा सकता है. वहीं इसमें मल्टीटास्किंग और गेमिंग का भी अनुभव शानदार होता है. वहीं इसे बेहतर बैकअप के लिए भी जाना जाता है.
प्रोसेसर के साथ ही फोन में चिपसेट भी महत्वपूर्ण होता है क्योकि फोन की फंक्शनिंग के लिए चिपसेट ही जिम्मेदार होता है. ऐसे में प्रोसेसर के साथ चिपसेट की समझ होने से आपको बेहतर स्मार्टफोन का चयन करना आसान हो जाएगा. आइए जानते है कुछ चिपसेट निर्माता कंपनी और उनकी परफॉर्मेंस के बारे में.
1. क्वालकॉम
अमेरिकी कंपनी क्वालकॉम स्नैपड्रैगन नाम से चिपसेट बनाती है. बाजार में कंपनी अब तक 200, 400, 600 और 800 सीरीज में स्नैपड्रैगन चिपसेट पेश कर चुकी है. हाल में क्वॉलकॉम ने 835 चिपसेट पेश किया है जिसे फिलहाल विश्व का सबसे ताकतवर प्रोसेसर वाला चिपसेट कहा जा रहा है.
उससे पहले क्वालकॉम स्नैपड्रैगन 820 और 821 और 810 जैसे ताकतवर प्रोसेसर पेश कर चुकी है.
2. मीडियाटेक
चिपसेट निर्माता कंपनी मीडियाटेक एमटीके नाम से प्रोसेसर बनाती है. कम कीमत के फोन में मीडियाटेक चिपसेट का उपयोग बहुत ज्यादा होता है. हालांकि ऐसा नहीं है कि कंपनी के पास ताकतवर प्रोससर नहीं है. हेलियो एक्स20, हेलियो एक्स30 और हेलियो पी25 जैसे चिपसेट आक्टाकोर प्रोसेसर से लैस हैं जो बेहतर परफॉर्मेंस के लिए जानी जाती हैं.
3. इंटेल
इंटेल विशेष तौर से कंप्यूटर के लिए चिपसेट निर्माण के लिए जानी जाती है लेकिन पिछले कुछ सालों में कंपनी ने स्मार्टफोन में भी दस्तक दिया है. इंटेल द्वारा स्मार्टफोन के लिए निर्मित एटॉम चिपसेट में कंपनी एटॉम एक्स3, एटॉम एक्स5 और एटॉम एक्स7 बाजार में उतार चुकी है. असूस, जोलो और लेनोवो के फोन में इंटेल एटॉम चिपसेट देखने के मिला है.
4. एप्पल
विश्व प्रमुख स्मार्टफोन निर्माता कंपनी एप्पल आईफोन और आईपैड के लिए खुद का प्रोसेसर उपयोग करती है. हाल में कंपनी द्वारा लॉन्च आईफोन 6एस और 6एस प्लस में ए9 चिपसेट का उपयोेग किया गया है. इससे पहले के डिवाइस में कंपनी ने ए8 चिपसेट का उपयोग किया गया था.
5. स्प्रेडट्रम
यह कंपनी सस्ते मोबाइल फोन के लिए चिपसेट का निर्माण करती है. अब तक यह केवल फीचर फोन में ही उपयोग किया जाता था. किंतु अब माइक्रोमैक्स और लावा जैसी कंपनियां भी स्प्रेडट्रम चिपसेट पर आधारित स्मार्टफोन बाजार में पेश कर चुकी हैं.