10 नवंबर 2017 को कर्नल डिफेंस एकेडमी कुचामन में श्रीमान कर्नल नंदकिशोर ढाका के निर्देशक में पूरे राजस्थान के शहीदों का मान सम्मान समारोह का कार्यक्रम आयोजित किया गया । शहीद मान सम्मान समारोह का मुख्य कार्य वीर तेजाजी विशेषांक पुस्तक के संपादक टीम ने मिलकर एक पूरे राजस्थान में “शहीदों के सम्मान में तेजा भक्त मैदान में” नामक अभियान चलाया जिसके तहत राजस्थान के प्रत्येक कोने कोने में जाकर शहीद हुए परिवार के मात-पिता, भाई-बहनों से मिलकर शहीदो की जानकारी एकत्रित की गई तथा आज कुचामन में कर्नल नंदकिशोर ढाका साहब की कर्नल डिफेंस एकेडमी में कार्यक्रम का आयोजन किया गया।जिसके अंतर्गत शहीद के परिवार वालों को सहपरिवार आमंत्रित करके बुलाया गया एवं जिला सीकर सांसद स्वामी सुमेधानंदजी, पूर्व भाजपा प्रदेश महामंत्री सतीश जी पूनिया, टैगोर साईंस स्कूल पूर्ण सिंह जी रणवा, नागौर के भीष्म पितामह हरीश जी कुमावत, नावा विधायक विजय सिंह चौधरी, आदर्श जाट महासभा के प्रदेश अध्यक्ष रामनारायण चौधरी एवं वीर तेजाजी विशेषांक पुस्तक की संपादक टीम ने मिलकर बडे हर्षोल्लास के साथ शहीदों के परिवार वालों का मान सम्मान समारोह किया गया जिसमे शहीद के सम्बन्धी को माला पहनाकर, शॉल ओडाकर मुमेंटो देकर सम्मानित किया गया।
शहीदों की जीवनी को एकत्रित करके एक पुस्तक का रुप दिया गया जिस पुस्तक का नाम “शहीदो को समर्पित- वीर तेजाजी विशेषांक” शहीदों के सम्मान में तेजाभक्त मैदान में पुस्तक का विमोचन भी किया गया।
कार्यक्रम के प्रथम चरण मे: सीकर सांसद महोदय स्वामी सुमेधानन्द सरस्वती, पूर्व भाजपा प्रदेश महामंत्री सतीश जी पूनिया, टैगोर साईंस स्कूल चैयरमैन पूर्ण सिंह जी रणवा, नागौर के भीष्म पितामह हरीश जी कुमावत, नावा विधायक विजय सिंह चौधरी, आदर्श जाट महासभा के प्रदेश अध्यक्ष रामनारायण चौधरी, कर्नल डिफेंस एकेडमी कर्नल नंदकिशोर ढाका और पुस्तक प्रधान सम्पादक विश्वेन्द्र चौधरी ने मिलकर माँ सरस्वती, वीर तेजाजी महाराज, शहीद स्मारक प्रतीमा के सम्मुख दीपक जलाकर शहीदो की शहादत को नमन किया गया।दूसरे चरण: कर्नल नंदकिशोर ढाका साहब ने अतिथियों का आभार प्रकट करके स्वागत भाषण देते हुए तेजाजी महाराज को देवतुल्य बताया। ढाका साहब ने कहा कि शहीदो के परिवार वालो का मान सम्मान होना चाहिए। कर्नल नंदकिशोर ढाका साहब ने बताया कि एक सैनिक किस प्रकार से अधिकारी बन सकता है और उस अधिकारी में ऐसी कौन-सी काबिलियत है जो इन अफसरों में छुपी हुई है किंतु हमारे अंदर नहीं।
कर्नल साहब ने बताया कि मै एक सैनिक बनकर ACC पुस्तक को पढकर मेहनत करके कर्नल बना तथा कुछ समय तक सेवाये देकर मैने निश्चय किया कि अब मुझे मेरे क्षेत्र के युवाओ को अफसर बनाना है इसलिए मैने मेरे नौकरी के 15 साल पहले ही नौकरी को छोड़कर युवाओं को आगे बढ़ाने हेतु घर आ गया और युवाओं को फौज में अफसर बनाने के उद्देश्य से कर्नल डिफेंस एकेडमी खोलकर युवाओ को अफसर लायक बनाने हेतु तैयारी कराने में जुटा।
तीसरा चरण: टैगोर साइंस स्कूल चैयरमैन पूर्ण सिंह रणवा ने बताया कि “हमारा एक ही सपना, हर घर-घर ढाणी अफसर हो अपना” और देश के प्रत्येक युवा को फौजी का मान सम्मान करना चाहिए क्योंकि आप रात-दिन को आराम से जीवन जीने का मजा ले रहे हो तो सिर्फ सैनिको की वजह से। सैनिक चाहे रात हो, दिन हो, सर्दी हो, गर्मी हो, चाहे बरसात, आन्धी, तुफान विभिन्न प्रकार की आपदा मे भी हमारे सैनिक अपने देश कि रक्षा के लिए हर समय तैयार रहते है ओर दूसरी तरफ किसान भूमि को सिंचकर अन्न पैदा करके सम्सत देश के लोगो का पेट भरता है अतः किसान का भी मान सम्मान होना चाहिए । पूर्ण सिंह रणवा ने कहा कि शहीद के परिवारों का सम्मान होना चाहिए बताया कि कुचामन एक शिक्षा की नगरी है जिसमें अफसरों को जन्म दिया जाता है।
वीर तेजाजी विशेषांक: प्रधान संपादक विश्वेंद्र चौधरी ने कहा “देश के शहीद अमर रहे और हमने आदर्श जाट महासभा के द्वारा आयोजित युवा जाट संस्कार शिविर से संस्कार प्राप्त करके हमने शहीदों के प्रतिमान सम्मान करने हेतु हमने एक अभियान चलाया जिसको हमने “शहीदों के सम्मान में तेजा भक्त मैदान में” नाम दिया और इस कार्यक्रम का आयोजन किया जिसकी एडवांस में 15,000 पुस्तकों की बुकिंग राजस्थान में हुई है।वीर तेजाजी विशेषांक प्रबंधक संपादक नेमाराम गोदारा ने कहा कि शूरवीर ना मरे हैं, ना मरेंगे, ना मरे थे, जिंदा थे, जिंदा है और शूरवीर जिंदा रहेगा, शहीदों के सम्मान में पुस्तक एक अभियान के तहत पूरे राजस्थान में घर-घर जा कर घूम-घूम कर लिखी गई, एक मात्र पवित्र पुस्तक है और हम इस देश के लिए मर मिटेंगे और उन्होंने बताया कि हमारे शहीदों की शहादत में टिका हुआ यह देश है।
नागौर के भीष्म पितामह हरीश जी कुमावत (माटी कला बोर्ड अध्यक्ष) जिनको नागौर के भीष्म पितामह के नाम से जाना जाता है पितामह ने कहा कि कुचामन शहर को शिक्षा की नगरी के नाम से जानते हैं यह एक शिक्षा नामक खुशबू है जिसका असर चढ़ने पर सीधा युवा अफसर बनता है IAS, RAS. कलेक्टर आदि.
पुर्व भाजपा प्रदेश महामंत्री सतीश जी पूनिया जो कि पिछले 10 साल से 2014 तक लगातार महामंत्री रहे सतीश जी पूनिया ने कहा कि गर्व है कि मैं भारत में जन्मा हूँ, गर्व है कि मैं राजस्थान की भक्ति शक्ति में पैदा हुआ हूं, गर्व है कि मैं कुचामन में वीर तेजाजी विशेषांक शहिद मान सम्मान कार्यक्रम में उपस्थित हुआ। ओर कहा कि किसान ने अपने पसीने से अन्न पैदा करके भारत को अन्नपूर्ण किया, तो किसान के पुत्र ने बंदूक उठाकर देश की शहादत को सलामत बनाए रखा है जिनकी वजह से आज देश की समस्त जनता सुखी है।
समय को संक्रमण का काल बताया गया और कहा कि किसानो कि सरकार होनी चाहिए पूनिया साहब ने बताया कि हमारे देश के पवित्र तिरंगे की मान मर्यादा का महत्व जिसकी लाज के लिए हमारे सैनिक जवान मर मिटते है। उन्होंने बताया सैनिक अधिकारी कुचामन में बनाए जाते हैं और सभी देशों का देश पवित्र देश भारत देश है भारत पुन: बदलेगा। किसान & सैनिक की मेहनत से उपलब्ध कपड़ा तिर्ंगा भारत की आन बान शान है ।
सम्मान समारोह में शहीद के परिवार, पिता,पुत्र, माता, विरांगना ने उपस्थिति दी, व हजारों की संख्या में राजस्थान के कोने-कोने से लोग पधारें और शहीद के कार्यक्रम को ध्यान में रखते हुए थे अधिक आकर्षित करने हेतु वीर तेजाजी महाराज के न्यू सॉन्ग लीलन सिंगारे पनेरा जावे के ऊपर एक नृत्य किया गया जो कर्नल डिफेंस एकेडमी की छात्रा पूजा कुमावत ने बहुत ही शानदार प्रस्तुति दी।सीकर सांसद महोदय स्वामी सुमेधानंद जी सरस्वती ने शहीदों का मान सम्मान करते हुए एवं पुस्तक की टीम का हार्दिक अभिनंदन प्रकट करते हुए कहा कि ज्ञानी के लिए एक शब्द ही काफी होता है और एक किताब की महत्ता को समझना चाहिए उन्होंने सूर्य को देव बताया और कहा ‘दीपक स्वयं जलता है फिर भी प्रकाशित करता है’ जिन्होंने युवा के जीवन को प्रकाशित किया वही देव कहलाता है और जिन्होंने अपने स्वयं के जीवन को नया मोड़ दिया सब कुछ न्योछावर कर दिया वह देवों का देव महादेव कहलाता है और आज हमारे राजस्थान के युवाओं को सिर्फ दिशा निर्देश देने की कमी है राजस्थान के कोने कोने मे अफसर भरे हुए हैं जो कार्य कर्नल साहब कर रहे और स्वयं सांसद महोदय एक साधु-वेस रुप मे रहते हैं।
उन्होंने बताया कि जब बच्चा जन्म लेता है तो उसके मां के गर्भ में बच्चा संस्कार लेना प्रारंभ कर देता है गुरु तो उसको पांचवे नंबर पर संस्कार देता है इसलिए माँ को बच्चे के 06 माह के समय होने पर अफसर लेवल की किताबो को पढना चाहिए यही संस्कार बच्चे को मिलते है और सुमेधानंद जी ने शराबियों के ऊपर किया बढ़-चढ़कर प्रहार सांसद महोदय ने बताया राजस्थान के निवासी कहते हैं साहब प्राइवेट स्कूल बंद हो लेकिन मैं कहता हूं प्राइवेट स्कूल बंद ना हो और दारू के ठेके बंद होने चाहिए। दारु के ठेके परिवार को कंगाल करते हैं ना कि प्राइवेट स्कूल। मानता हूं प्राइवेट स्कूल वाले फीस ज्यादा लेते है लेकिन दारु के ठेके से प्राइवेट स्कूल अच्छा है वह आपके बच्चों को संस्कारवान बनाते हैं और सांसद महोदय ने महर्षि दयानंद सरस्वती जी के ऊपर जीवन के ऊपर प्रकाश डाला । सर छोटूराम चौधरी के जीवन पर भी प्रकाश डाला उन्होंने बताया कि है किसान एक तो तुम बोलना सीख ले, दूसरा अपना दुश्मन को पहचाना सीख ले।
आदर्श जाट महासभा के प्रदेश अध्यक्ष रामनारायण चौधरी ने कहा कि युवाओं ने 45 दिन तक अपने घर बार को छोड़कर 8000 किलोमीटर की यात्रा तय करते हुये शहीदों के परिवार के घर घर जाकर शहीद परिवारों का सम्मान किया,उनके दुःख दर्द को समझा व शहीदों की जीवनियों का संकलन किया। इस तरह की अनूठी पहल देश में पहलीबार हमारे शिष्यों ने की इस बात का हमें गर्व है।युवाओं ने जब इस पवित्र कार्य की परिकल्पना की तो उनके सामने सबसे बड़ी चुनोती थी अर्थ। लेकिन जब काम पवित्र होता है तो सहयोग करने वाले भी मिल जाते हैं।उनका संपर्क कर्नल डिफेंस एकेडमी के निदेशक कर्नल नन्दकिशोर जी ढाका से हुआ तो उन्होंने न केवल आर्थिक सहयोग किया बल्कि हौसला बढ़ाया व मार्गदर्शन भी किया।
जब कर्नल साहब को पता चला कि युवाओ ने शहीदो के प्रति अभियान चलाया तो कर्नल साहब ने कहा कि जब आप ने इतनी महेनत करके शहीदों को सम्मान दिया है तो विमोचन में शहीद परिवारों को बुलाकर उनका सम्मान करेंगे। विमोचन का खर्चा मैं वहन कर लूंगा। कर्नल साहब ने शहीदों के परिवारों व शहीदों को सम्मान देने के लिये पुस्तक विमोचन पर पांच लाख रुपये खर्च किये इसके लिये कर्नल साहब को दिल से सेल्यूट।
विमोचन समारोह को चारचांद लगाने के लिये सीकर सांसद स्वामी सुमेधानन्द सरस्वती, बीजेपी के पूर्व महामंत्री सतीश जी पुनियां, माटी कला बोर्ड अध्यक्ष हरीश जी कुमावत व टैगौर शिक्षण संस्थान के निदेशक पूर्णसिंह जी रणवां अथिति के रूप में पधारे व हजारों देशभक्तों ने अपनी उपस्तिथि देकर शहीदों को सम्मान दिया।
समारोह में जब शहीदों के परिजनों का सम्मान किया गया तो मंचस्थ महेमान व पंडाल में मौजूद सभी देशभक्तों की शहीदों के सम्मान में आंखें नम हो गई थी बहुत ही भावुक पल रहा और अंत मे शहीद मान सम्मान समारोह मे पधारे हुये सभी मेहमानो को वीर तेजाजी महाराज की प्रसादी का भरपेट भोजन करवाया गया।
[स्रोत- धर्मी चंद]