नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए चुनावी वादों में एक वादा यह भी था कि उनके शासनकाल में घर घर तक बिजली पहुंचेगी, खासकर कि प्रत्येक गांव में घर-घर तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य था भाजपा सरकार का। केंद्र में भाजपा की सरकार बने 3 साल बीत गए हैं और इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी द्वारा अनेक योजनाएं चलाई गई जिसमे जनधन खाता योजना, स्वच्छ भारत अभियान, नोटबंदी, प्रधानमंत्री आवास योजना, डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया आदि प्रमुख रुप से थीं। सभी योजनाएं चलाने के पीछे प्रधानमंत्री मोदी की पहल थी कि देश के प्रत्येक गरीब व्यक्ति को योजना का लाभ मिल सके। जिसमें उज्ज्वला योजना चलाकर सरकार ने घर-घर तक रसोई गैस पहुंचाने का लक्ष्य और वादा भी पूरा किया था।भाजपा सरकार द्वारा चलाई गई प्रत्येक योजना के पीछे उद्देश्य यही था कि हर आम आदमी को उसका लाभ मिल सके। यह बात भी सत्य है कि कुछ योजनाओं के जमीनी हालात कुछ और ही हैंं, जिसमें नोटबंदी पर सबसे अधिक सवाल खड़े हुए। आरबीआई की रिपोर्ट ने भी नोटबंदी को कटघरे में खड़ा कर दिया परंतु भाजपा सरकार इन आलोचनाओं का सामना करते हुए एक और नई योजना की शुरुआत करने जा रही है और इस योजना का नाम है “सौभाग्य योजना”।
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क्या है सुभाग्य योजना
सुभाग्य योजना के तहत भाजपा सरकार का लक्ष्य है कि देश के सभी ग्रामीण इलाकों तक बिजली पहुंच सके तथा प्रत्येक गरीब व्यक्ति इस योजना का लाभ उठाते हुए अपने घर को रोशन कर सकें। इस योजना के तहत गरीबों को सब्सिडी दे कर घर घर पर तक बिजली पहुंचाने की सरकार की योजना है। इस संबंध में सरकारी सूत्रों से जानकारी मिली है कि सुभाग्य योजना पर सरकार करीब 17000 करोड़ रुपए खर्च करने की योजना बना रही है। इस योजना को आगे बढ़ाने के लिए जल्दी ही मोदी सरकार बड़ा फैसला लेने की तैयारी कर रही है।
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सुभाग्य योजना के तहत मोदी सरकार का यह लक्ष्य है कि 2019 तक सभी ग्रामीण इलाकों में बिजली पहुंच सके। क्योंकि 2019 में मोदी सरकार का कार्यकाल पूरा हो रहा है और अपने कार्यकाल से पहले ही मोदी सरकार चुनावी वादों को पूरा कर लेना चाहती है। प्रत्येक घर में 24 घंटे बिजली देने का चुनावी वादा मोदी सरकार के द्वारा किया गया था। अब देखना यह होगा कि इस योजना को कब तक अमली जामा पहनाया जाता है।