विकलांग राजेंद्र लाड बने आदर्श व्यक्तिमत्व

बीड जिल्हे के आष्टी के रहनेवाले राजेंद्र लाड को शुरू से ही सामाजिक काम करने की रुचि थी, उनकी इच्छा थी कि वो समाज के लिए कुछ करे मगर अपनी विकलांगता के कारण वो मायूस होकर बैठ जाते थे. मगर भारत के प्रधानमंत्री ने जब से ‘स्वच्छ भारत अभियान’ का नारा लगाया तबसे उन्होंने भी इस मिशन में शामिल होने कि थान ली और ‘टाॕयलेट एक प्रेम कथा’ से प्रभावित होकर दिव्यांग लोंगो को प्रोत्साहित करने के लिए उन्होंने आष्टी तालुके में दिव्यांग लोंगो को अपने खुद के पैंसो से एक योजना बनाई! उसका नाम रखा है “शौचालय बनाओ और पांच सौ रूपये प्रोत्साहन पाओ” इस योजना का प्रसार और प्रचार करने के लिए अपनी खुद की गाडी का इस्तेमाल किया है! गाडी के सभी जगह पर शौचालय के बारे में घोषवाक्य लिखे है.अध्यापक एवं विकलांग राजेंद्र लाड बने आदर्श व्यक्तिमत्वविगलांग कर्मचारी के हक़ के लिये वे सैदव काम करने के लिये तयार रहते है! उनके सामाजिक और शैक्षणिक काम के लिए महाराष्ट्र शासन ने उन्हें 2016 में ‘आदर्श शिक्षक पुरस्कार ‘ से सम्मानित किया! ओबीसी फाउंडेशन प्रदेश अध्यक्ष अपंग सेल और बीड जिला सचिव अपंग कर्मचारी संघठन से विविध सामाजिक, शैक्षणीक, कला-क्रीडा के मध्यम से काम करते है.विकलांग राजेंद्र लाड बने आदर्श व्यक्तिमत्वशौचालय के बारे में जो योजना उन्होंने बनायीं है इस योजने की शुरुआत माजी शिक्षण संचालक डाॕ.गोविंद नांदेडे साहब के हस्ते की गई है! उनके काम को देखकर महाराष्ट्र राज्य के ग्रामविकास मंत्री श्रीमती पंकजाताई मुंडे, आमदार भीमरावजी धोंडे, माजी राज्यमंत्री सुरेशरावजी धस, समाजसेवक विजयभाऊ गोल्हार, नगराध्यक्ष रंगनाथ धोंडे, मुख्याधिकारी मंजुषा गुरमे, पुलिस निरीक्षक हर्षवर्धन गवळी, ओबीसी फाऊंडेशन प्रदेशाध्यक्षा श्रीमती स्वातीताई मोराळे, अधिकारी, पदाधिकारी आदि ने अभिनंदन करके स्वागत और आभार व्यक्त किया.

[स्रोत- बालू राऊत]

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