महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध के विरोध में निकाला गया कैंडल मार्च

किशनगंज, दिघलबैंक:- विगत कुछ दिनों में उन्नाव व कठुआ में जिस तरह की शर्मनाक वारदात को अपराधियों ने अंजाम दिया है, उसके बारे में कुछ भी बयाँ करने के लिए अल्फ़ाज़ नही है। आज हम डिजिटल व प्रगतिशील होने की बात कर रहे हैं।

candle march

देश विदेश में अपनी संस्कृति का बखान करते हुए गर्व महसूस करते हैं। किन्तु चिन्तनीय विषय है कि बेटियां हमारी कब सुरक्षित महसूस करेंगी? आखिर निर्भया वाली कहानी कब तक दोहराने दिया जाएगा? एक अहम सवाल बनकर हमारे इर्द गिर्द घूम रहा है। इतनी चौकसी के बाद भी इस तरह की शर्मनाक हरकत होना, कहीं ना कहि प्रशासन की चूक को साफ दर्शाता है।

आज नेताओ को उच्च सुरक्षा श्रेणी प्रदान की जा रही है, किन्तु आम जनता, हमारी बेटी, बहुओं को कब एक अदद पुख्ता सुरक्षा श्रेणी प्रदान किया जाएगा। आज बुलेट ट्रेनें चलाने की कवायद शुरू है, लेकिन महिलाओं की सुरक्षा के इंतज़ामात वाली फुल फ्रूफ योजनाएं कब चलाई जाएंगी ?

बस इन्ही सब सवालों व मुद्दों को लेकर AIMIM दिघलबैंक की टीम ने आज शाम को एक कैंडल मार्च का आयोजन बलात्कारियों के खिलाफ AIMIM के प्रखंड अध्यक्ष पम्मी बेगम के आहवान पर बिहार सरकार पंचायत भवन मंगुरा (टप्पु) से मध्य विद्यालय टप्पु तक किया गया, जिसमें स्थानीय लोगों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया।

इस कैंडल मार्च मे प्रखंड अध्यक्ष पम्मी बेगम, अख्तर हुसैन, मुनाजीर आलम, संतोष कुमार, अकील आलम, निसार आलम आदि लोगों ने मौजूद होकर प्रशासन से अपील किया कि अब महिलाओं को सुरक्षित किया जाए। उनकी सुरक्षा का पुख्ता बन्दोबस्त किया जाए। उन्नाव व कठुआ में हुए शर्मनाक वारदात में शामिल दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए, ताकि देश मे इस तरह की घटना दुबारा ना घटे।

[स्रोत- निर्मल कुमार]

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