आजकल की इस आधुनिक सारी सुख-सुविधाओं से दूर रहकर, अपनी मंजिल को पाना एक तरह से सपना ही है.
हल्द्वानी की इस बेटी ने 10 साल में ही इस कहावत को साबित कर दिया, कि इंसान अगर चाहे तो किसी भी हालात में अपनी सफलता को प्राप्त कर सकता है यदि उसके मन में सच्चा विश्वास और उसमें काबिलियत हो.
10 साल की ग्रेही हल्द्वानी की रहने वाली है और वह बड़ी होकर अंतरिक्ष वैज्ञानिक बनना चाहती है, मगर सबको हैरान कर देने वाली बात यह है कि ग्रेही 10 साल की होने के बावजूद वह 10th क्लास के सवालों को चुटकियों में बड़ी ही आसानी से हल कर देती है वह भी किसी की मदद के बिना.
गौर करने वाली बात यह है कि ग्रेही को पढ़ाई के अलावा भी किसी प्रकार की कोई समस्या होती है तो वह किसी की मदद नहीं लेती, बल्कि वह इस समस्या को मेडिटेशन यानि योग-साधना की मदद से अपनी परेशानी को दूर करती है.
ग्रेही 4thक्लास के बाद से स्कूल नहीं जाती है, बल्कि घर पर रहकर खुद पढ़ाई करती थी. ग्रेही का कहना है कि तब स्कूल में वह सारी चीजें पढ़ाई जाती है, जो पहले से ही उसे आती है. इसलिए स्कूल छोड़ घर रहकर ही 10thक्लास के परीक्षा की तैयारी आरंभ कर दी है.
वही ग्रेही का एक भाई भी है जो दूसरी क्लास में पढ़ता है. और वह भी ग्रेही की तरह ही बहुत तेज दिमाग रखता है. अर्थ भी दूसरी सवाल दूसरी कक्षा के गणित के बड़े-बड़े सवालों को चुटकियों में हल कर देता है वह भी बिना किसी हिचकिचाहट.
ग्रेही और अर्थ के माता पिता का कहना है कि उनके दोनों बच्चे TV नहीं देखते हैं, ना कभी खिलौने से खेलते हैं, बल्कि उन्हें आउटडोर गेम बहुत ज्यादा पसंद है. दोनों नियमित रूप से योगा करते हैं. ग्रेही के पापा का कहना है कि उन्होंने अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी ताकि वह अपने बच्चों का ध्यान अच्छे से रख सके.
जिसका परिणाम आज हम सबके सामने हैं कि उनके बच्चे प्रतिभा के विषय में सभी बच्चों से आगे निकल गए हैं. और वह आम बच्चे नहीं रहे. ग्रेही के माता पिता का कहना है कि यदि सीबीएसई बोर्ड को किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं होती है तो इस साल रही 10 साल की उम्र में ही दसवीं क्लास की परीक्षा में बैठ सकती है.
 
            
 
		















































