कमाल है नयाबाड़ी गाँव के हैरानु जी की कारीगरी

किशनगंज दिघलबैंक:- कुछ दिनों पहले जहां पकौड़ा बनाम बेरोजगार की चर्चाएं पूरे देश मे अपने पूरे जोरों पर थी, तो वही इन सब से दूर हैरानु लाल गणेश अपनी धुन में मस्त मगन नज़र आते हैं। हम बात कर रहे हैं ऐसे रोजगार की जिसे आप गावँ में रहकर भी बखूबी अपना सकते हैं। एक ऐसा व्यवसाय जिसे करने में आपको मामूली लागत आएगी। जरूरत होगी सिर्फ थोडा दिमाग लगाने की।

हैरानु जी की कारीगरी

हैरानु जी से बातचीत के क्रम में बहुत सारी जानकारियां मिली। हैरानु जी धनतोला पंचायत स्थित नयाबाड़ी गाँव के रहने वाले हैं। पहले वे भी बेरोजगार थे बहुत प्रयत्न के बाद उनके मन मे एक ऐसा रोजगार सुझा जिसमे कम लागत में अधिक मुनाफा होता है उनका घर भी गाँव मे ही है। लिहाज़ा गावँ में कच्चे घरों की संख्या अधिक होती है। अब लोग धीरे-धीरे कम लागत में खूबसूरत घर बनाने की चाह रखते हैं। जिससे इस कच्चे बांस से टाटी बनाने की धंधे के पौ बारह हैं।

अतः उन्होंने इस धंधे में आगे बढ़ने की ठान ली।उन्होंने बताया कि अगर आप 15 फ़ीट लम्बा व 8 फ़ीट चौड़ा टाटी बनाते हैं तो आपको सिर्फ 2 से 3 बांस की जरूरत होगी। वही अपनी मजदूरी 800 रुपया बताया। साथ ही वे 5 साल की वारंटी भी देते हैं। काम देहारी पर नही करके ठेका लेते हैं, जिससे ग्राहको को भी आसानी होती है।इसमे कुल पूंजी 1100 ₹ लगेगी। इस तरह की टाटी के लिये गाँव के लोगों को अक्सर शहर जाना पड़ता है। लेकिन अपने इस हुनर से हैरानु होम डिलीवरी की सुविधा लोगों को मुहैय्या गाँव मे कराते हैं।कमाल है नयाबाड़ी गाँव के हैरानु जी की कारीगरी

उनसे जब उसके लागत के बारे में पूछा गया तो उसने हँसते हुए कहा कि दो छोटे-छोटे दबिया, एक मोटी कील, एक छोटी आड़ी और मेरे दो हाथ यही मेरी लागत व पूंजी है। चेहरे पर अजीब सा सुकून दिख रहा था। इस बेरोजगारी के समय में हैरानु इस हुनर को अपनाकर सिर्फ अपने परिवार का पालन पोषण ही नही करता है, अपितु अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा भी दिलाने का कार्य करता है।

इसी की बदौलत मकई की खेती भी 3 से 4 बीघा की है। उन्होंने एक संदेश भी दिया कि यूंही सरकार व अपनी किस्मत को कोसते रहने के बजाय नौजवानों को कुछ हुनर सीखते या कुछ ना कुछ करते रहना चाहिए। एक दिन रास्ता खुद-ब-खुद मिल जाएगा।

[स्रोत- निर्मल कुमार मंडल]

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.