सिंगापुर की एक निजी कंपनी में मैकेनिक इंजिनियर के रुप में कार्यरत शिवकुमार दलाल का विवाह अकोला निवासी वैशाली के साथ हुआ था. विवाह के बाद पति पत्नी सिंगापुर में स्थायी हो गए थे. इसी बीच पति शिवकुमार ने पत्नी को प्रसूती के लिये अकोला मायके भेजकर वह विभक्त कर होने लगा.जिससे पत्नी ने पती से 1 लाख रुपये प्रकिमहा गुजारा भत्ता देने कि याचिका परिवारीक न्यायालय में दायर किया था.इस याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने शिकायतकर्ता के लिये 30 हजार तथा बेटी के लिये 20 हजार रुपये प्रतिमहा गुजारा भत्ता देने के आदेश पति को दिये. न्यायालयिन सुत्रो से मिली जानकारी के अनुसार अकोला निवासी अरविंद प्रविन सिंह गुजराथी की बेटी वैशाली का विवाह 22 फरवरी 2007 को मुम्बई निवासी किशोरीलाल दलाल के बेटे के साथ पेशे से मैकेनिकल इंजिनियर शिवकुमार के साथ हुआ था.
इसी बीच वह सिंगापुर के जॉकब इंजिनियरिंग प्रा.लि में नौकरी कर रहे थे. जिससे यह दंपत्ती वहां पर स्थीय हो गये वर्ष 2011 में वैशाली गर्भवती होने के कारण उसे प्रसूती के लिये अकोला 21 नवंबर 2011 को भेज दिया. प्रसूति के पश्चयात शिवकुमार पत्नी को मायके न ले जाते हुए अकेला रहेने लगा. जिससे वैशाली ने अपने पति के खिलाफ उदर निर्वाह के लिये परिवारीक न्यायालय मे याचिका दायर की थी. जिसमें स्वयं के लिये प्रतिमहा 70 हजार तथा बेटी के लिये 30 हजार रुपये की मांग कि थी.
शिकायतकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता प्रकाश वखरे, एम.बी.पांडे, एन.पी बिरपॉल ने दलील दी की उनके मुवक्कील के पति को प्रतिमहा 3 लाख 25 हजार रुपये की आय है. जिससे उनके देवारा मांगी जा रही मुआवजे की मांग उचित है. दोनो पक्षो की दलील सुनने के पश्चयात परिवाहीक न्यायालय की न्यायाधिश अंसारी ने पति शिवकुमार दलाल को पत्नी के लिये 30 हजार तथा बेटी के लिये 20 हजार ऐसे प्रतिमहा 50 हजार रुपये की राशि अदा करने के आदेश दिए.
[स्रोत- शब्बीर खान]