शिवहर में भीषण बाढ़ झेलने के बाद सामान्य होती जिदंगी

शिवहरः अगस्त महीने में हो रही लगातार बारिश के कारण उफनाई बागमती नदी खतरे के निशान को पार कर गई। जिसके फलस्वरूप जिले में आई बाढ़ ने भारी तबाही मचाई। हजारों लोग अपने घरों से बेघर हो गए, कई सड़कें ध्वस्त हो गई जिससे एक दर्जन से अधिक गाँवों का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट गया हैं।Badhअनेक विद्यालयों एवं सरकारी अस्पतालों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया। फसले बर्बाद हो गई, पशुओं के लिए चारे की समस्या उत्पन्न हो गई जिससे आम जन सहित किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच गई हैं और वे अपने.अपने भविष्य को लेकर काफी चिंतित हैं।

बाढ़ राहत कार्य में जिला प्रशासन की भूमिका

जिला प्रशासन ने बाढ़ से प्रभावित लोगों को समस्याओं से उबारने के लिए प्रशंसनीय कार्य किया हैं जिसकी चर्चा चहुँओर जोरों पर हैं। जिला प्रशासन के द्वारा समय रहते एनडीआरएफ की टीम बुलाई गई जिसकी मदद से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया। प्रभावित इलाकों में राहत शिविर लगाया गया जहां लोगों के लिए भोजन, पानी, दवाईयाँ एवं ठहरने का उत्तम प्रबंध किया गया।rahat kary in bihar

इतना ही नहीं जिलाधिकारी एवं आरक्षी अधीक्षक ने बाढ़ प्रभावित इलाके में निरीक्षण के दौरान राहत शिविरों में जाकर स्वंय अपने हाथों से खाना परोस लोगों के जख्मों पर मरहम लगाने का काम किया। साथ ही जिला प्रशासन द्वारा अधिक प्रभावित क्षेत्रों बेलवा, इनरवा, अम्बा, नरकटिया, महुआवा में राहत सामग्री के वितरण का कार्य शुरू कर दिया है।

बाढ़ राहत कार्य में सामाजिक संगठनो एवं जनप्रतिनिधियों की भूमिका

सामाजिक संगठनों, जनप्रतिनिधियों के द्वारा भी बाढ़ प्रभावित इलाके में लोगों को मदद पहुंचाई गई हैं या मदद का आश्वासन दिया गया है। शिवहर सांसद रमादेवी, स्थानीय विधायक मो.सरर्फुद्दीन, पूर्व विधायक अजीत कुमार झा, लोजपा जिलाध्यक्ष विजय पाण्डेय, राजद जिलाध्यक्ष सुमित कुमार उर्फ दीपू आदि जनप्रतिनिधियों ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर लोगों को यथा संभव मदद का भरोसा दिलाया।

सामान्य होती जिदंगी bihar badhतीन दिन तक विभीषिका मचाने के बाद बागमती नदी के जलस्तर जल.स्तर में कमी आई है जो बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए सबसे बड़ी राहत देने वाली बात हैं । धीरे-धीरे विस्थापित लोग अपने-अपने घरों में लौटने लगे हैं एवं लोगों की जिदंगी सामान्य होने लगी हैं।

अब सबसे अहम सवाल यह है कि जिला प्रशासन एवं जन सहयोग से बाढ़ प्रभावित लोग तात्कालिक राहत की साँस तो जरूर ले रहे हैं लेकिन बाढ़ प्रभावित इलाके के लोग कैसे बाढ़ से उत्पन्न दीर्घकालीन समस्या से निजात पाते हैं यह भविष्य में गौर करने वाली बात होगी क्योंकि सरकारी तंत्र का लिटमस टेस्ट अभी बाकी है ।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.