गरीब ग्रामीण युवाओं को नौकरियों में नियमित रूप से न्यूनतम मजदूरी के बराबर या उससे ऊपर मासिक मजदूरी प्रदान करने का लक्ष्य रखने को लेकर पंकजाताई गोपिनाथराव मुंडे (ग्रामविकास, महिला व बाल विकास मंत्रालय) के बीच हस्ताक्षरीत युवा नेत्रुत्व प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार के द्वारा ग्रामीण आजीविका को बढ़ावा देने के लिए की गई पहलों में से एक है।आजीविका गरीबी कम करने के लिए एक मिशन है जो राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) का एक हिस्सा है। इस योजना से 550 लाख से अधिक ऐसे गरीब ग्रामीण युवाओं को जो कुशल होने के लिए तैयार हैं, स्थायी रोजगार प्रदान करने के द्वारा लाभ होगा।
गरीबी कम करने के लिए परिवारों को नियमित रूप से मजदूरी के माध्यम से लाभकारी और स्थायी रोजगार का उपयोग करने के लिए गरीबों को सक्षम बनाने के साथ निम्न सुविधाओं पर जोर दिया-
1. अवसर पर समुदाय के भीतर जागरूकता का निर्माण
2. गरीब ग्रामीण युवाओं की पहचान करना
3. रुचि रखनेवाले ग्रामीण युवाओं को जुटाना
4. युवाओं और माता-पिता की काउंसिलिंग
5. योग्यता के आधार पर चयन
6. रोजगार के अवसर को बढ़ाने के लिए ज्ञान, उद्योग से जुड़े कौशल और मनोदृष्टि प्रदान करना
7. ऐसी नौकरियाँ प्रदान करना जिनका सत्यापन स्वतंत्र जांच करने के तरीकों से किया जा सके और जो न्यूनतम मजदूरी से ज्यादा भुगतान करती हों
महाराष्ट्र राज्य गरीब ग्रामीण कौशल परियोजना के तहत दीन दयाल उपाध्याय जीवनउन्नोती अभियान और ग्रामीण कौशल्य योजना और आर्ट ऑफ लिविंग की और से शुरू किया पर पुणे जिला परिषद हॉल आज सहमति पत्र के बीच चल रहे प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से रहने का युवा लीडरशिप ट्रेनिंग प्रोग्राम मुंडे के मार्गदर्शन पर हस्ताक्षर किए गए।
पुणे जिला परिषद अध्यक्ष विश्वास देवकाते, उमेद अभियान के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आर विमला, पुणे जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी दौलत देसाई, पुणे प्रभागीय आयुक्त के कार्यालय और उप परियोजना निदेशक, श्री दिनेश सर संभाजी लण्गोरे उपस्थित रहे।
[स्रोत- बालू राऊत]