प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने लोगो से स्वेच्छापूर्वक एल.पी.जी सब्सिडी त्यागने की अपील करी थी जिससे गांव के लोगो और गरीब किसानो तथा अन्य पिछड़ी जाती के लोगो के घर भी चूल्हे से लकड़ी का धुआँ न उठे और कोई भी गरीब महिला उस धुंए में अपनी आँखे न जलाये. जिसके लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने गिव इट अप अभियान लॉन्च किया. इस प्लान के लॉन्च होने के बाद अभी तक करीब 10 लाख उपभोक्ताओं ने एलपीजी की सब्सिडी छोड़ दी है। यही नहीं, सरकार केरोसिन पर भी सब्सिडी कैम्प लगाकर खर्च कम करने में जुट गई है।तेल कंपनियां इस अभियान का दायरा बढ़ाने के लिए ऑडियो विजुअल मीडियम के अलावा इंटरैक्टिव वॉयस रिस्पॉन्स सिस्टम यानी आईवीआरएस के जरिए भी ग्राहकों से एलपीजी सब्सिडी छोड़ने की अपील कर रही हैं। कंपनियों को उम्मीद है कि वो करीब एक करोड़ ग्राहकों को गैस सब्सिडी छोड़ने के लिए राजी कर लेंगी।
अगर कोई ग्राहक स्वेच्छा से सब्सिडि छोड़ना छाहता है तो वह आपने डीलर से कह सकता है. सब्सिडी का त्याग करने में उत्तर प्रदेश नंबर एक पर, महाराष्ट्र दूसरे नंबर पर तथा दिल्ली नंबर तिसरे स्थान पर है.
सरकारी खर्च कम करने और सब्सिडी का फायदा सही लोगों तक पहुंचाने की कोशिश में जुटी सरकार के लिए खुशखबरी है। स्वेच्छा से एलपीजी सब्सिडी छोड़ने की सरकार की मुहिम को लोगों से थम्प अप मिलना शुरू हो गया है। पेट्रोलियम मंत्रालय के मुताबिक गिव इट अप अभियान को अच्छा रिस्पांस मिल रहा है। अभी तक तीनों ऑयल कंपनियों के करीब 10 लाख ग्राहकों ने एलपीजी सब्सिडी छोड़ दी है।साथ ही, रोजाना 25 से 30 हजार लोग सब्सिडी सरेंडर कर रहे हैं।
सरकार ने सब्सिडी वाले सिलेंडर की कीमत अगले साल मार्च तक हर महीने में चार रुपये बढ़ाने की घोषणा की है. इसका मकसद मार्च, 2018 तक घरेलू सिलेंडरों पर मिलने वाली छूट को खतम करना है. इस संबंध में पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को लोकसभा में कहा, ”हमने गैस वितरक कुमार एजेन्सी के गैस वितरण करने वाले अतुल चौधरी को पूछा तो उनके चेहरे पर एक अलग प्रकार हास्य देखने मिला. ये बात उनको बहुत अच्छी लगी और वो लोग बहुत ही प्रेम से ‘धन्यवाद’ का पत्र स्वेच्छा एल.पी.जी. का त्याग करने वालो के घरों में बाँट रहे है.
[स्रोत- बालू राऊत]