गुरुवार के सुबह शार्ट सर्किट के कारण आग लगने से पीछे की 2 बोगी जलकर राख हो गयी. यह हादसा तब हुआ जब मोनोरेल वडाला डिपो से चेम्बुर स्टेशन की ओर सुबह 6 बजे जा रही थी. गनीमत हैं उस समय पीछे की दोनों बोगी में कोई भी यात्री शामिल नहीं था, अन्यथा कोई बड़ा हादसा भी हो सकता था.मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी (एमएमआरडीए) अधिकारी दिलीप खावथकर ने कहा कि ऐसा लगता है कि डिब्बों में आग तब लगी जब मोटरमैन ने ब्रेक लगाये. मगर दमकल विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगी. खैर इस बात की पुष्टि तो जांच होने के बाद ही हो पायेगी. घटना के बाद से ही मोनोरेल के सेवा को 24 से 36 घंटो के लिए स्थगित कर दिया गया.
देश में मोनोरेल सेवा पहले मुंबई में ही शुरू की गयी थी मगर देश की पहली मोनोरेल की मुश्किलों का सफर खत्म होता नहीं दिख रहा हैं. इसका उद्घाटन 1 फ़रवरी 2014 को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने किया था. पहली मोनोरेल ने दोपहर 3 बजकर 57 मिनट पर मुंबई के वडाला मोनो रेल डिपो से लगभग 15 मिनट का सफर तय करके 4 बजकर 12 मिनट पर चेंबूर तक का सफर तय किया था. तथा 2 फ़रवरी 2014 को मोनोरेल आम जनता के लिए सार्वजनिक कर दी गयी थी.
[स्रोत- बालू राऊत]