रेल मंत्रालय ने योगी आदित्यनाथ द्वारा मुगलसराय रेलवे स्टेशन के नाम को बदलकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय रखने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है और अब से मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेलवे स्टेशन ही माना जाएगा.
4 अगस्त 2017 को केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश राज्य सरकार द्वारा मुगलसराय रेलवे स्टेशन के नाम को बदलकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेलवे स्टेशन रखने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी थी और रेल मंत्रालय को यह प्रस्ताव भेज दिया था . रेल मंत्रालय ने भी इस प्रस्ताव पर मुहर लगाते हुए 14 अक्टूबर 2017 को मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम पंडित दीनदयाल उपाध्याय कर दिया है.
भारत के सबसे बड़े रेलवे स्टेशनों में गिना जाने वाला मुगलसराय रेलवे स्टेशन उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले में स्थित है और आज से इस रेलवे स्टेशन का नाम मुगलसराय की जगह पंडित दीनदयाल उपाध्याय होगा
समाजवादी पार्टी और बहुजन समाजवादी पार्टी द्वारा इसका पूर्ण रूप से विरोध किया गया. जमकर नारेबाजी की गई मगर नतीजा कुछ नहीं निकला और हर बार की भांति इस बार भी योगी आदित्यनाथ एक और जगह का नाम बदलने में सक्षम रहे.
योगी आदित्यनाथ ने दीनदयाल उपाध्याय की मृत्यु को लेकर इस स्टेशन का नाम बदलने का मुद्दा उठाया था क्योंकि 11 जनवरी 1968 को जन संघ के नेता दीनदयाल उपाध्याय मुगलसराय स्टेशन के पास मृत अवस्था में पाए गए थे और जिसका प्रस्ताव केंद्र सरकार वह रेल मंत्रालय ने स्वीकार किया.