4 जून को हुए भारत-पाकिस्तान के बीच वर्षा से बाधित मैच में भारत ने पाकिस्तान को 124 रनों से हराकर एक बड़ी जीत के साथ टूर्नामेंट का आगाज किया है। भारत शुरू से ही चैंपियंस ट्रॉफी का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। चैंपियंस ट्रॉफी की जीत का सफर ग्रुप स्टेज से शुरू होता है। ग्रुप ए में ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और बांग्लादेश है, वहीं ग्रुप बी में भारत सहित पाकिस्तान, दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका है। हर टीम को 3-3 मैच खेलने होंगे और दोनों ग्रुप से टॉप 2 टीमें सेमीफाइनल और उसके बाद फाइनल का सफर तय करेंगी। भारत अपना पहला मुकाबला जीत चुका है। ग्रुप स्टेज में अब भारत को 8 जून को श्रीलंका से और 11 जून को दक्षिण अफ्रीका से खेलना है। चैंपियंस ट्रॉफी के इतिहास में झांकने पर हम पाएंगे कि इन दोनों ही टीमों पर भारत का पलड़ा भारी है।
इतिहास में भारत-श्रीलंका की भिड़ंत 2 बार हुई है। पहली बार 2002 के फाइनल मैच में भारत और श्रीलंका आमने-सामने थे लेकिन वर्षा के कारण इस फाइनल मैच का परिणाम नहीं निकल पाया था। दूसरी बार 2013 में भारत ने श्रीलंका को 8 विकेट से हरा कर फाइनल में जगह बनाई। इसके अलावा श्रीलंका का हालिया प्रदर्शन भी बेहद निराशाजनक रहा है। ऐसे में विश्व रैंकिंग में नंबर 2 की टीम भारत को हरा पाना बेहद मुश्किल है।
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एबी डीविलियर्स की अगुवाई में बेहतरीन प्रदर्शन कर रही दक्षिण अफ्रीकी टीम ने बेशक चैंपियंस ट्रॉफी में शानदार शुरुआत की है। लेकिन चैंपियंस ट्रॉफी के इतिहास में भारत के खिलाफ खेले गए 3 मैचों में दक्षिण अफ्रीका एक भी मैच नहीं जीत पाई है। वर्ष 2000, 2002 और 2013 तीनों मौकों पर भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए दक्षिण अफ्रीका पर दबाव बनाया और परिणाम स्वरूप भारत को तीनों मौकों पर जीत हासिल हुई। दबाव में बिखर जाने की वजह से ही आज तक दक्षिण अफ्रीका आईसीसी के किसी भी बड़े टूर्नामेंट की विजेता नहीं बन पाई है। ऐसे में इस टूर्नामेंट में भारत जैसी मजबूत टीम पर जीत हासिल करना आसान नहीं होगा।
यही हाल ग्रुप ए की टीम इंग्लैंड का भी है। चैंपियंस ट्रॉफी में इंग्लैंड और भारत के बीच हुए 3 मुकाबलों में हर बार भारत ने जीत का स्वाद चखा है। 2013 में वर्षा बाधित फाइनल मैच में इंग्लैंड को हरा कर भारत चैंपियन बना था। इसके अलावा 2002 और 2006 में भी भारत ने इंग्लैंड को पटखनी दी थी।
वार्मअप मैच में भारत ने न्यूजीलैंड पर एकतरफा जीत से मनोवैज्ञानिक बढ़त हासिल कर ली है जिसका असर मैदान पर साफ नजर आएगा। भारत का मुकाबला अगर विश्वकप 2015 की विजेता ऑस्ट्रेलिया से होता है तो शायद भारत के लिए एक चुनौती खड़ी हो सकती है, लेकिन इस टूर्नामेंट में ऑस्ट्रेलिया-भारत का मुकाबला होगा या नहीं, यह अभी तय नहीं है। जो भी हो लेकिन चैंपियंस ट्रॉफी में भारत के प्रदर्शन और आगाज से लग रहा है कि एक बार फिर भारत होगा चैंपियंस का चैंपियन।