राजगढ़ (सादुलपुर) में 16 मार्च की शाम को राजस्थान सरकार के गृह विभाग के विशिष्ट शासन सचिव एवं अभियोजन विभाग के निदेशक देवेंद्र दीक्षित का आगमन हुआ। स्थानीय अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश राजेश कुमार प्रथम, अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नरेंद्र सिंह, ग्राम न्यायाधिकारी अमर सिंह खरड़िया, उपखंड अधिकारी सुभाष कुमार, अभियोजन अधिकारीगण सुरेंद्र सांखला, महेश नेहरा एवं विनोद कुमार बेनीवाल तथा अधिवक्तागण प्रीतम शर्मा, राकेश पूनियां, चरण सिंह और सुरेंद्र पूनियां ने उनकी आगवानी करते हुए स्वागत किया।
अभियोजन कार्यालय के निरीक्षण के दौरान दीक्षित ने अधिकारियों को सतर्कता के साथ न्यायिक दायित्वों का निर्वहन करते हुए उचित तरीके से मुकदमे की पैरवी के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यदि आपकी कोई समस्या है तो उसका समाधान किया जाएगा, मगर अभियोजन संबंधित जिम्मेदारियों में किसी प्रकार की कोताही अथवा शिथिलता नहीं होनी चाहिए।
प्रेस वार्ता के दौरान विशिष्ट गृह शासन सचिव ने कहा कि लोगों को सस्ता एवं शीघ्र सुलभ न्याय मिल सके, इसके लिए विभाग गंभीर तथा तत्पर है। उन्होंने कहा कि गंभीर प्रकरणों तथा महिलाओं तथा बालकों के शोषण, पीड़ा आदि के मामलों में तत्परता से कार्यवाही कर उनके निस्तारण के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए गए हैं। यहां के कार्यालयों की व्यवस्था व कार्य प्रणाली को उन्होंने संतोषजनक बताया।
एक प्राप्त जानकारी के अनुसार अभियोजन अधिकारियों ने नए न्यायालय भवन में उनके कार्यालय संबंधी समस्या से अवगत करवाया। स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि नए न्यायालय भवन परिसर में तीन अधिकारियों के लिए मात्र एक कक्ष आवंटित किया गया है। इस पर दीक्षित ने एडीजे राजेश कुमार से आवश्यक जानकारी ली।
बाद में सचिव ने निर्देश दिए कि इस बारे में जिला एवं सेशन न्यायाधीश चूरू के जरिए प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भिजवाया जाए तथा उन्हें भी अवगत करवा दिया जाए। वह अतिरिक्त कक्ष के लिए व्यक्तिगत कार्यवाही कर स्थान और बजट की व्यवस्था करवा देंगे। उल्लेखनीय है कि राजगढ़ के इतिहास में प्रथम बार अभियोजन कार्यालय के निरीक्षण के लिए गृह विभाग के विशिष्ट शासन सचिव तथा अभियोजन निदेशक का आगमन हुआ है।
[स्रोत- विनोद रुलानिया]