साहवा के बस स्टैंड पर गंदा पानी पैदा करता समस्या

आज हम पहुचे चूरू जिले के अंतिम छोर पर बसे कस्बे साहवा में । अपना ऐतिहासिक महत्व रखने वाले इस कस्बे के बस स्टेंड की हालत देख कर कस्बे का कोई भी नागरिक चुपी साध ले। एक तरफ जहा स्वच्छ भारत अभियान से बड़े बड़े दावे होते है, तो दूसरी तरफ एक ऐतिहासिक महत्व रखने वाले दो जिलों को जोड़ने वाले साहवा कस्बे के मुख्य बस स्टेंड की ये हालात देखकर उन दावों के खोखले होने का भी प्रमाण भी मिलता है।

साहवा के बस स्टैंड पर गंदा पानी पैदा करता समस्या

साहवा के बस स्टेंड जहा पर बस रूकती है, जहा से बस में तारानगर, चूरू, जयपुर के लिए यात्री बस में बैठते है, वहा से लेकर लगभग एक किलोमीटर तक सड़क पर इतना गंदा पानी भरा है, की वहा से दुपहिया वाहन निकलना मुश्किल है, और पैदल चलने की आप कल्पना भी नही कर सकते। और खास बात ये है, की ये मौसम बरसात का भी नही है।

तो साफ जाहिर है, की साहवा का प्रशासन, साहवा कस्बे के जन प्रतिनिधि, साहवा कस्बे के नागरिक इस गंदे पानी की निकासी को लेकर कितने सचेत है। या फिर इस प्रकार मुख्य सड़क पर जमा गंदे पानी से फैलने वाली बीमारियों का इनको ज्ञान नही है। पर जिस प्रकार से ये गंदा पानी पिछले कुछ महीनों से इस सड़क पर जमा है, वो साहवा कस्बे के जिम्मेदार प्रशासन और जागरूक नागरिकों का परिचय सब से करवा रहा है। साथ ही स्वच्छ भारत अभियान के यहा तक न पहुचने के प्रमाण दे रहा है।

आपको बता दे की साहवा कस्बा चूरू जिले के अंतिम छोर पर बसा हुआ है,जो चूरू-हनुमानगढ़ की सीमा को एक दूसरे से जोड़े हुए है। चूरू से हनुमानगढ़, नोहर, भादरा जाने वाले रास्तो में से एक रास्ता साहवा से होकर गुजरता है। साहवा का गुरुद्वारा अपना ऐतिसाहिक महत्व रखता है, साहवा का यह गुरुद्वारा गुरूनानक देव जी तथा गोविन्द सिंह जी के आने व रहने की स्मृति से जुड़ा हुआ है। कार्तिक मास की पूर्णिमा को यहां मेला भरता है। साथ ही इस गुरुद्वारे को राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा गुरुद्वारा होने का गौरव प्राप्त है।

[स्रोत- विनोद रुलानिया]

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