14 फरवरी 2018 को सीकर जिले के सिहासन गांव में रघुनाथ सिंह फेनिन के पुत्र एवं पुत्रवधू राकेश कुमार एवं संजू देवी की बेटी के जन्म पर आज एक बेटी जन्मोत्सव का बड़ा कार्यक्रम किया गया।“बेटी है अनमोल” बेटे के जन्म पर तो सभी लोग दशोटन समारोह का कार्यक्रम आयोजित करते है बल्कि बेटी के जन्म पर कार्यक्रम देखने को बहुत कम मिलते है, ओलंपिक में जब देश का सिर गर्व से ऊंचा करने वाले देश की बेटी सिन्धु और साक्षी के उम्दा प्रदर्शन का जश्न जहां पूरा भारत मना रहा है वही बेटियों की काबिलियत को देखते हुए रघुनाथ सिंह फैनिन ने बेटी जन्माष्टमी पर दशोटन नहीं मनाने की परंपरा का अंत ही कर दिया।
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समाज में बेटियों के प्रति सोच बदल रहा है कार्यक्रम से उम्मीद है कि इस आयोजन से न केवल देश की बेटियों के प्रति लोगों की सोच बदलेगी बल्कि समाज को नई दिशा भी देगी। कानून ने लड़के व लड़कियों को समान अधिकार दिया है, लेकिन समाज में अभी भी इन दोनों के बीच काफी भेदभाव देखने को मिलता है।उसके ऊपर मुहर लगाने के लिए मैंने बेटी जन्मोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया, क्योंकि बेटी दो-दो परिवारों की लाज रखती है । समारोह मे पधारे हुए सभी महमानो ने “बेटी” को आशिर्वाद देकर इसके भावी जीवन जीने कि कामना की, ओर समारोह धार्मिक संस्क्रति के अनुरुप सुबह से शाम 04.00 बजे तक चला तथा इसके पश्छात खाने का प्रोग्राम रखा हुआ था जो 08.00 बजे तक चलता रहा, समारोह मे लगभग 700 लोग शामिल हूए l एन वाई वी -सुभाष नेहरा ब्लॉक- पिपराली ने भी अपनी भागीदारी निभाई।
हर एक बेटी के भाग्य में पिता होता है जबकि,
हर एक पिता के भाग्य में बेटी नहीं होती।
अर्थात खुश नसीब वालों को ही बेटी मिलती है॥
[स्रोत- धर्मी चंद]