सत्ता में होने का क्या रुतबा होता हो इसका अंदाजा अब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को बाखूबी सामझ में आ रहा होगा , क्योंकि उनकी पार्टी के सत्ता से गायब होते ही उन्हें किसी भी समारोह आदि करने के लिए उन्हे सत्तारुढ़ पार्टी की इजाजत की मोहताज हो रहीं है। फिलहाल ताजा मामला गणतंत्र दिवस परेड के दर्शक दीर्घा को लेकर सामने आ रहा है। क्योंकि परेड के दौरान छठी पंक्ति में जगह मिलने राहुल गांधी को जगह देने पर काफी विवाद जारी है।
जिस पर कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया है कि बीजेपी में जानबूझकर कांग्रेस अध्यक्ष के साथ किया है, जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने भी लगातार इ मामले में अपना बचाव करते हुए कह रही है कि वह पार्टी की मेहरबानी है कि कांग्रेस अध्यक्ष को वीआईपी दीर्घा में जगह मिली है । वरना उनकी पार्टी का कद उतना बड़ा नहीं की उन्हें इस तरह का वीआईपी ट्रीटमेंट मिले ।
इस मामले को बढ़ता देख बीजेपी प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने पार्टी की तरफ से राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए पहा कि वह इस योग्य नहीं की वह वीआईपी एरिया में बैठे पर हमने उन्हें सम्मान दिया है, यह हमारी पार्टी की दरियादिली है। इस बात के लिए उन्होंने नियम और परम्परा का हवाला दिया।
साथ ही अपनी बात पर कायम रहते हुए राव ने कहा कि कांग्रेस के विचारों से अब लोकतंत्र पूरी तरह से गायब होता दिख रहा है। उन्हें लगता है कि देश उनके परिवार और वंश के नाम पर चलेगा, जो कि लोकतंत्र के विपरीत मानसिकता है।
बता दें कि राहुल गांधी को गणतंत्र दिवस परेड के दौरान वीआईपी मेहमानों की छठी कतार में सीट दी गई थी, जिसे लेकर कांग्रेस ने बीजेपी पर गंदी राजनीति का आरोप लगाया है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा था कि अंहकारी शासकों ने सारी परंपराओं को दरकिनार करके पहले चौथी पंक्ति और फिर छठी पंक्ति में जानबूझकर राहुल गांधी को बिठाया।
कांग्रेस के इस आरोप पर एक तरफ जहां सुरक्षा कारणों से राहुल गांधी को छठी कतार में बैठाने की बात सामने आई ह।. वहीं बीजेपी ने भी कांग्रेस नेताओं को यूपीए के शासनकाल की याद दिलाई जिसमें बीजेपी अध्यक्षों को वीआईपी मेहमानों के साथ बैठने की जगह भी नहीं मिलती थी