मंगलवार 9 जनवरी को मुंबई महानगरपालिक( बीएमसी) की नजर पूर्व मंत्री तथा बीजेपी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा के बंगले जो रामायण नाम से प्रसिद्ध है पर जा पड़ी. बीएमसी ने बिहारी बाबू यानि शत्रुघ्न सिन्हा के जुहू स्थित बंगले को पल भर में ढेर कर दिया.हम आपको बता दें कि शत्रुघ्न सिन्हा का यह बंगला जो रामायण नाम से जाना जाता है वह 8 मंजिला इमारत है. जहां पर कुछ अवैध कंस्ट्रक्शन किए गए हैं. रामायण नामक इस बंगले में शत्रुघ्न सिन्हा अपने पूरे परिवार के साथ रहते हैं जहां उनकी बेटी सोनाक्षी सिन्हा सहित उनके बेटे तथा पत्नी भी रहती है.
खबरों के मुताबिक जब बीएमसी शत्रुघ्न सिन्हा के घर पहुंची तब शत्रुघ्न सिन्हा घर पर ही मौजूद थे और उन्होंने बकायदा बीएमसी का समर्थन भी किया. जहां उन्होंने बताया कि उनके घर में कुछ छोटी-मोटी गड़बड़ियां हैं जिनको बीएमसी ठीक करने आई है.
मिली खबरों के अनुसार कुछ अधिकारियों ने यह बताया की सबसे ऊपरी मंजिल पर एक टॉयलेट समेत ऑफिस और पूजा घर भी है, जो बिल्कुल अवैध तरीके से बनाया गया है.महानगरपालिका ने मंदिर का सम्मान करते हुए, मंदिर के अलावा टॉयलेट तथा ऑफिस को मलबे में तब्दील कर दिया और साथ ही साथ मंदिर को किसी अन्य जगह पर व्यवस्थित करने के लिए शत्रुघ्न सिन्हा को कुछ समय की मोहलत भी दिया है.
हम आपको बता दे कि महानगरपालिका यानी बीएमसी ने ऐसी अवैध ढांचे को पहली बार नहीं गिराया है बल्कि इससे पहले बीएमसी ने मुंबई में स्थित अमिताभ बच्चन, अनुष्का शर्मा तथा शाहरुख खान जैसे महान कलाकारों के घरों पर भी अवैध ढांचे को मलवे में तब्दील कर दिया है.
खबरों के अनुसार महानगरपालिका ने शत्रुघ्न सिन्हा को 6 दिसंबर को ही इस अवैध कंस्ट्रक्शन के बारे में नोटिस भेज दिया था. मगर शत्रुघ्न सिन्हा इस पर कोई भी कार्यवाही नहीं कर पाए.क्योंकि वह उस वक्त अपने पार्टी के समर्थन में रैली कर रहे थे.
बीएमसी ने यह बताया कि यह अवैध कंस्ट्रक्शन का मामला यही पर खत्म नहीं होता है यह मामला तब तक चलता रहेगा जब तक कि शत्रुघ्न सिन्हा अवैध जगह पर बने मंदिर को कहें और व्यवस्थित ढंग से नहीं रख लेते हैं.
इस अवैध कंस्ट्रक्शन जिसमें टॉयलेट भी शामिल है के विषय में सफाई देते हुए शत्रुघ्न सिन्हा ने यह बताया कि यह टॉयलेट उन्होंने अपने मजदूरों के लिए बनवाया है ताकि उनके यहां काम करने वाले लोग स्वच्छ भारत अभियान का हिस्सा बन सके. और उन्हें शौच करने के लिए कहीं बाहर जाने की आवश्यकता ना पड़े. शत्रुघ्न सिन्हा के मुताबिक उन्होंने यह अवैध टॉयलेट स्वच्छ भारत अभियान में हिस्सा लेने के लिए बनवाया था.