अमरीकी राष्ट्रपति ने अमेरिका में अपनी छवि को और उजागर करने के उद्देशय से एक फैसला जारी किया है। इस फैसले के अंतर्गत DACA को रद्द कर दिया है। बराक ओबामा द्वारा 2012 में जारी किया गया ‘डेफर्ड एक्शन फॉर चिल्ड्रेन अराइवल (डी.ए.सी.ए.)’ एकदम रद्द कर दिया है। इस फैसले के अनुसार अब ओबामा का एमनेस्टी समाप्त कर दिया गया है जिसके अंतर्गत अब कोई भी आप्रवासी जो बचपन में अमेरिका आया था उसके पास होने वाले वर्क परमिट की सुविधा को खत्म कर देता है। ट्रम्प के इस फैसले से 7000 से अधिक भारतीय युवाओं के साथ लगभग 800,000 कर्मचारियों के भाग्य पर कुठाराघात हुआ है। इस फैसले के अनुसार 16 साल से कम उम्र के वो बच्चे जिनके पास कोई डॉकयुमेंट नहीं है, डिपोर्ट कर दिये जाएंगे। इनमें वो बच्चे भी शामिल हैं जिन्हें बचपन में अमेरिका लाया गया था।
अपने इस कदम को सही साबित करते हुए ट्रम्प का कहना है कि इमिग्रेशन की व्यवस्था उन लोगों के लिए है जो राष्ट्रीय हित में काम करे लेकिन हर आने वाले व्यक्ति को अमेरिका स्वीकार करे, यह जरूरी नहीं है। वो यह मानते हैं कि देश में एक वर्ष में कितने आप्रवासियों को आना चाहिए इसकी भी सीमा का निर्धारण होना चाहिए।
ओबामा के समय से चले आ रहे इस कार्यक्रम को समाप्त करने की घोषणा अमेरिकी अटर्नी जनरल जैफ सेशंस ने करी थी।
हालांकि ट्रम्प के इस फैसले का पुरजोर विरोध भी हुआ है। अमेरिका की दिग्गज आई टी कंपनी माइक्रोसोफ्ट, गूगल और एप्पल अपने कर्मचारियों के बचाव में खड़ी हो गईं हैं। माइक्रोसोफ्ट और एपल ने आगे आते हुए उन कर्मचारियों की मदद करने की घोषणा करी है जो गैर दस्तावेजी श्रमिक की श्रेणी में अमरीका में हैं और जिनके पास वर्क परमिट है।
I’m very disappointed with today’s decision to end #DACA. Our statement: https://t.co/67YQGYtDGo
— Bill Gates (@BillGates) September 5, 2017
इसी प्रकार एप्पल के सीईओ टिम कुक ने खुले शब्दों में ट्रम्प के इस फैसले की निंदा करते हुए अपने कर्मचारियों को आश्वासन दिया है कि उन्हें विशेषज्ञों की सलाह और ज़रूरी मदद दी जाएगी। अपने कर्मचारियों का हौसला बढ़ाते हुए उन्होने ट्वीट किया है की एप्पल अपने ड्रीमर्स के लिए संघर्ष करेगा।
#Dreamers contribute to our companies and our communities just as much as you and I. Apple will fight for them to be treated as equals.
— Tim Cook (@tim_cook) September 5, 2017
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी इस फैसले की निंदा करते हुए कहा कि युवाओं को निशाना नहीं बनाना चाहिए ।
To target hopeful young strivers who grew up here is wrong, because they’ve done nothing wrong. My statement: https://t.co/TCxZdld7L4
— Barack Obama (@BarackObama) September 5, 2017
क्यों रद्द हुआ एक फैसला
पिछले वर्ष अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में ट्रम्प ने अपने अभियान में यह वादा किया था कि वो ओबामा इस नीति को खत्म कर देंगे। लेकिन राष्ट्रपति पद सम्हालने के बाद उनके रुख में नरमाहट आ गई थी जब उन्होनें कहा था कि वो ड्रीमर्स से प्यार करते हैं। इसलिए यह लग रहा था कि वो इस नीति से कोई छेड़छाड़ नहीं करेंगे।
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DACA है क्या:
दरअसल 2012 में तत्कालीन अमरीकी राष्ट्रपति ने एक कार्यक्रम शुरू किया था जिसे डेफर्ड एक्शन फॉर चिल्ड्रेन अराइवल (डी.ए.सी.ए.)’ नाम दिया गया। इस कार्यक्रम के तहत गैर कानूनी ढंग से अमेरिका पहुंचे बच्चों को अस्थायी रूप से रहने, पढ़ने और काम करने का अधिकार दिया गया था। इसके बाद ये बच्चे डी.ए.सी.ए कार्यक्रम के अंतर्गत आवेदन करते हैं तो उनकी पूरी जांच जिसमें उनका आपराधिक रिकॉर्ड और दूसरी बातों का वेरिफिकेशन शामिल है किया जाता है। सब कुछ ठीक होने पर इन लोगों को ड्राइविंग लाइसेन्स, कॉलेज में एडमिशन और वर्क परमिट मिल सकता था। लेकिन जो बच्चे इन रिपोर्टों में पूरे नहीं उतरते थे, वो वापस भेज दिये जाते थे।