पुणे में 4 मैचों की टेस्ट श्रृंखला के पहले टेस्ट मैच में भारत में ऑस्ट्रेलिया की भारत के ऊपर 333 रन की जीत को भविष्य में एक लंबे समय के लिए भारत में किसी भी टीम द्वारा सबसे हावी प्रदर्शन माना जायेगा.
इस लेख में हम आपको इस तरह के 3 यादगार मैचों के बारे में बताएंगे जहां ऑस्ट्रेलिया ने घरेलू टीम को बहुत बुरी तरह हराया.
1st टेस्ट vs इंग्लैंड, लीड्स, जून 1989
ऑस्ट्रेलिया की 1989 की एशेज टीम को इंग्लैंड में आने वाली इतिहस की सबसे कमज़ोर टीम मन जा रहा था. लेकिन इंग्लैंड का यह घमंड उस समय टूट गया जब ऑस्ट्रलिया ने 6 मैचो की सीरीज को 4-0 से जीत लिया. इस ऐतिहासिक एशेज सीरीज की जीत की नीव ऑस्ट्रलिया ने पहले टेस्ट मैच में रखी जब उन्होंने इंग्लैंड को 210 रनों से पटखनी दी.
4th टेस्ट vs वेस्टइंडीज, किंग्स्टन, मई 1995
1995 की फ्रैंक वोर्रेल्ल ट्राफी के अंतिम एवं निर्णायक मैच में वेस्टइंडीज ने शानदार वापसी की और उनके तेज गेंदबाजों ने ऑस्ट्रेलिया के ऊपर कहर ढाह दिया. ऑस्ट्रेलिया को इस मुश्किल से वॉघ बन्धुओं ने उबारा और दोनों ने चोथे विकेट के लिए 230 रन जोड़कर ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 300 के पार पहुंचा दिया और इस प्रकार ऑस्ट्रलिया ने 531 रन बनाये. पॉल रेइफेल और वार्न ने शानदार गेंदबाज़ी करते हुए ऑस्ट्रलिया को यह मैच एक पारी और 53 रन से जीता दिया.
3rd टेस्ट vs इंडिया, नागपुर, अक्टूबर 2004
2004 की बॉर्डर-गावस्कर सीरीज के 3 टेस्ट मैच में ऑस्ट्रलिया ने पहले बलेबाज़ी करते हुए 398 रन बनाये जिसमे युवा माइकल क्लार्के के 91 रन शामिल थे और इसके जवाब में टीम इंडिया 185 रन बना के आल आउट हो गयीं. ऑस्ट्रलिया ने दूसरी पारी में 329 रन बनाये और भारत को जीतने के लिए पहाड़ जैसा लक्ष्य दिया. जिसके जवाब में भारतीय टीम 200 रन पर आल आउट हो गयी और ऑस्ट्रलिया ने यह टेस्ट मैच 342 रनों से जीत लिया.