गुजरात में होने वाले विधानससभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग काफी सतर्कता दिखा रहा है, क्योंकि हर बार की तरह देश के किसा भी हिस्से में होने वाले चुनावों में देश की राजनीति का असली चेहरा सामने आ ही जाता है, जिसके कारण गुजरात में 9 दिसंबर से शुरु होने वाले गुजरात विधान सभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से पहले चुनाव आयोग ने एक बड़ा आदेश जारी किया है।इस निर्देश के अनुसार आयोग ने कहा है कि कोई भी पार्टी जीएसटी के अंतर्गत लगी हाल ही में 178 वस्तुओं पर लगे कर में कटौती के फैसले को लेकर किसी भी प्रकार का प्रचार-प्रसार नहीं करेंगी। क्योंकि आयोग ने पाया है कि बीजेपी इस फैसले को लेकर राज्य में अपनी छवि को सुदृढ़ करनें में लगी हुई थी।
जिसके कारण चुनाव आयोग का मानना है कि इससे राज्य के वोटर भ्रमित हो सकते है, जिसके कारण उसे इस बाबत यह फैसला लेना पड़ा। हालांकि सरकार बिना किसी ख़ास वस्तु या सेवा का नाम लिए टैक्स को आसान बनाने की प्रक्रिया के बारे में जनता को बता सकती है।
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गौरतलब है कि नोटबंदी को पूरे हुए एक साल और जीएसटी के विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित होने के बाद यह जो बड़ी जीत इनके खाते में दर्ज है जिसके लेकर वह हर चुनाव में इनका प्रयोग कर सकती है। जो इस समय वह गुजरात की राजनीति में भी कर रहीं थी।
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वही, दूसरी तरफ काग्रेस के पास कोई बड़ी उपलब्धि न होन के कारण काग्रेंस के उपाधयक्ष राहुल गांधी हर चुनावी रैली में जीएसटी और नोटबंदी को लेकर केंद्र सरकार और पीएम मोदी पर निशाना साधते नजर आ रहे हैं। क्योंकि जीएसटी का गुजरात के व्यापारियों ने अच्छा खासा विरोध किया था। उसी समय कई लोगों ने बढ़ती महंगाई की वजह से भी केंद्र सरकार के खिलाफ गुस्सा भी जाहिर किया था।