उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और हालहीं दिल्ली में हुए MCD चुनावों में भाजपा की भारी वोटो से जीत के कारण EVM मशीन पिछले कुछ महीनो से विवादों में घिरी हुई है. अरविन्द केजरीवाल(आप) ने यह दावा भी किया था कि EVM मशीन में गड़वड़ी है और चुनाव आयोग कि भाजपा से साठ-गाठ है और चुनाव वैलेट पेपर पर करने कि मांग भी कि थी.
इन आलोचना से परेशान हो चुनाव आयोग ने 14 Jun को सभी पार्टियों को EVM मशीन में छेड़छाड़ कर नतीजे बदलने का चेलैंज दिया है.
कुछ मुख्य विपक्षी दलों जैसे बसपा और आप ने आरोप लगाया था कि विधानसभा चुनावो EVM मशीन द्वारा भाजपा का समर्थन किया जा रहा है और कहा कि EVM मशीन में लोगो कि आस्था काम हो गयी.
आयोग के एक प्रवक्ता ने शुक्रवार शाम को बताया, एनसीपी और सीपीआई-एम केवल ये दोनों ऐसी पार्टिया है जिन्होंने चुनौती के लिए आवेदन किया था और साथ ही बताया के EVM चुनौती का समय निर्धारित है चुनौती 10 बजे से शुरू होकर 2 बजे समाप्त हो जाएगी. एनसीपी और सीपीआई-एम ने प्रत्येक व्यक्ति को चुनौती के लिए नामांकन किया है.
चूंकि दोनों पार्टियों को EVM मशीन पसंद नहीं है तो इसलिए वो EVM मशीन से छेड़छाड़ करना चाहते है. आयोग ने उत्तर प्रदेश में गौतम बुद्ध नगर और ग़ज़िआबाद से, पंजाब के भटिंडा और पटियाला व उत्तराखंड के देहरादून से 14 मशीनें लायी गयी है.
जबकि प्रत्येक आवेदन करने वाली पार्टी चुनौती के लिए अधिकतम चार ईवीएम उपयोग कर सकती है, आयोग के सूत्रों ने कहा कि अतिरिक्त मशीनों को किसी भी स्थिति को ध्यान में रखते हुए बैक अप रखा गया था। तो जल्द ही इस बात का पता चल जायेगा कि EVM पर हुई आलोचनाएं सही है या सिर्फ एक मिथ्या.