अगर आप दिल्ली मेट्रो में भारी भरकम सामान लेकर सफ़र करना पसंद करते हैं तो आपके लिए यह खबर निराशाजनक हो सकती है क्योंकि दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन में 20 मेट्रो स्टेशनों पर 15 किलो या उससे अधिक बड़े सामान की एंट्री पर रोक लगाने का फैसला किया है.TOI में छपी एक न्यूज के अनुसार 20 मार्च से आप मेट्रो में 15 किलो से ज्यादा वजन का सामान लेकर दिल्ली मेट्रो में यात्रा नहीं कर पाएंगे और आपको सुरक्षा जांच से ही वापस लौटा दिया जाएगा. हाल ही में दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने 5 चुनिंदा मेट्रो स्टेशनों पर सामानों की स्क्रीनिंग मशीनों के सामने U आकार के मेटल अवरोध लगाए हैं जो 15 किलो से भारी सामानों को सुरक्षा जांच के दौरान ही लौटा देगा.
किन-किन स्टेशनों पर लगाए गए हैं U आकार के मेटल अवरोध
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अभी तक आनंद विहार, बाराखंबा रोड, कश्मीरी गेट, चांदनी चौक और शाहदरा पर U आकार के मेटल अवरोध लगाए गए हैं और 20 मार्च से इन मेट्रो स्टेशन पर 15 किलो तक के वजन वाले बैग जिनकी ऊंचाई 25 सेंटीमीटर, लंबाई 7 सेंटीमीटर और चौड़ाई 45 सेंटीमीटर या उससे कम होगी उन्हीं को एंट्री मिल पाएगी.
बाकी 15 मेट्रो स्टेशन कौन से हैं
ऊपर बताए गए 5 स्टेशनों पर 20 मार्च से 15 किलो से अधिक वजन वाले सामान एंट्री नहीं मिलेगी और बाकी जो 15 स्टेशन है जिन पर जल्द ही U आकार के मेटल अवरोध लगाए जाएंगे उनका नाम आदर्श नगर, आजादपुर, बदरपुर, बोटैनिकल गार्डन, चावड़ी बाजार, दिलशाद गार्डन, गोविंदपुरी, हुड्डा सिटी सेंटर, इंद्रलोक, करोल बाग, लाल किला, नांगलोई, आर के आश्रम मार्ग, रिठाला और नई दिल्ली मेट्रो स्टेशन है जिन पर जल्द ही U आकार के मेटल अवरोध लगाए जायेंगे.
क्या होगा अगर आपने टोकन खरीद लिया है तो ?
ऐसे में यह भी सवाल उठता है कि अगर आपने टोकन खरीद लिया है और आप की एंट्री नहीं हुई है तो उस टोकन का क्या होगा तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अगर आपने टोकन ले लिया है और आप की एंट्री नहीं हो पाई है मतलब आपके पास 15 किलो से ज्यादा वजन का सामान है तो वह टोकन काउंटर पर ही रिफंड हो जाएगा.
क्यों लगाए जा रहे हैं U आकर के मेटल अवरोध
डीएमआरसी के मुताबिक दिल्ली मेट्रो में रोजाना 25 लाख से अधिक लोग सफर करते हैं और पीक आवर्स में मेट्रो ट्रेन में भीड़ बढ़ जाती है इस दौरान अगर कोई वजनी सामान लेकर सफर करता है तो दूसरे यात्रियों को काफी दिक्कत होती है तथा सुरक्षा जांच में भी दिक्कतों के साथ-साथ स्केनर मशीन खराब होने की संभावना दिनों दिन बढ़ रही हैं इन्हीं सब बातों को देखते हुए डीएमआरसी ने यह फैसला लिया है.