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कासगंज में बेकाबू होते हालात, उपद्रवियों ने दो बसों और दुकानों में लगाई आग

गणतंत्र दिवस पर तिरंगा यात्रा के दौरान दो पक्षों में हुए पथराव और फायरिंग के कारण एक युवक को गोली लग जाने से मौत हुई. मृत चंदन गुप्ता के अंतिम संस्कार के दौरान श्मशान घाट पर लोगों का आक्रोश फूटा और अंत्येष्टि मैं मौजूद लोगों ने श्मशान घाट पर ही धरना दे दिया और साथ ही सांसद राजवीर सिंह को भी धरने पर बैठने के लिए मजबूर कर दिया.kaNSGANJजब तक मुआवजे को लेकर सीएम से आश्वासन नहीं मिला तब तक युवक का अंतिम संस्कार नहीं किया गया और बताया जा रहा है कि अंत्येष्टि से लौट रहे आक्रोशित लोगों ने सड़क किनारे खड़ी दो बसों में आग लगा दी और 6 दुकान भी फूंक डाली. कासगंज जिले की कई शहरों में हालात बेकाबू बने हुए हैं उपद्रवियों द्वारा दुकानों में आग लगाई जा रही है तो किसी दुकान का शटर तोड़कर उसमें तोड़फोड़ की जा रही है हालांकि पुलिस कस्बों के बाजारों और अन्य जगहों पर काफी चौक से बनाए हुए हैं मगर हालात अभी भी काबू में नहीं है.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गणतंत्र दिवस पर समुदाय विशेष के लोगों ने विद्यार्थियों द्वारा निकाली जा रही तिरंगा यात्रा पर पथराव किया जिस कारण पूरे शहर में बवाल हो गया जमकर फायरिंग हुई और पथराव हुआ इतना ही नहीं कई जगह पर दुकानें और कार्य तथा बस में भी आग का शिकार बनी इन्हीं फायरिंग में एक युवक को गोली लगने से मौत हो गई जबकि दो अन्य युवक घायल हुए हैं. तिरंगा यात्रा पर किए गए पता आप के कारण आधा दर्जन से ज्यादा लोग चोटिल हुए हैं हालात को बेकाबू होता देख RAF ने मोर्चा संभाला.

कब हुआ हंगामा

गणतंत्र दिवस मतलब शुक्रवार की सुबह विद्यार्थी परिषद एवं हिंदूवादी संगठन के कार्यकर्ता बाइक से तिरंगा यात्रा निकालते हुए मुस्लिम बाहुल्य मोहल्ला फुल्का में पहुंचे यहां कार्यकर्ताओं ने वंदे मातरम और भारत माता की जय के नारे लगाने शुरू की है जिस पर समुदाय विशेष के युवकों ने पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाते हुए तिरंगा यात्रा पर पथराव जारी कर दिया और देखते ही देखते मामला पथराव और फायरिंग में बदल गया और एक युवक को गोली लगने से मौत हो गई.

हालाकि कल से ही पूरे जिले में कर्फ्यू लगा हुआ है और जिले की सभी सीमाओं को बंद रखा गया है. कर्फ्यू के कारण साध्वी प्राची के काफिले को पुलिस ने कासगंज के बाहर रोक लिया जिस पर साध्वी प्राची के अनुयायियों द्वारा पुलिस से काफी नोकझोंक हुई और साध्वी प्राची वही धरने पर बैठी हुई हैं.

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