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विश्व का पहला बुद्धिमान बालक: जिसने बढ़ाई भारत की शान

Mesna member Arnav Sharma

कहते हैं की पूत के पाँव पालने में ही दिखाई देते हैं। इस कहावत को सिद्ध किया है भारतीय मूल के ब्रिटेन निवासी अर्नव शर्मा ने, जिसने 11 वर्ष की उम्र में ही विश्व विख्यात बुद्धि-मनीषियों को बुद्धि-स्तर में पीछे छोड़ दिया है।

अर्नव शर्मा अपने परिवार के साथ ब्रिटेन के दक्षिणी इंग्लैंड में रीडिंग टाउन में अपने परिवार के साथ रहता है। साधारण प्रतीत होने वाला यह बालक शुरू से ही कुशाग्र बुद्धि का रहा है और समय-समय पर उसने यह प्रमाणित भी किया है। डेढ़ वर्ष की मासूम उम्र में यह बालक 100 से अधिक अंकों को पहचानने और बोलने लगा था। श्रीमति मीशा धामिजा शर्मा जो अर्नव की माँ है, ने यह देखकर उसकी अतुलनीय बुद्धि और मानसिक तेज का अंदाज़ा लगा लिया था। ढाई वर्ष की अवस्था आने तक यह बालक अपने गणितीय कौशल को सिद्ध कर चुका था। अर्नव की माँ के अनुसार, उनके परिवार का कोई भी व्यक्ति, उस मासूम बच्चे जीतने कुशाग्र बुद्धि की बराबरी नहीं कर सका है ।

शर्मा दंपत्ति को जब ‘मेनसा टैस्ट’ के बारे में पता चला तो उन्होने इसके लिए अर्नव को इस परीक्षा के लिए उपयुक्त प्रतियोगी माना। ‘मेनसा टैस्ट’,इंग्लैंड की एक गैर-लाभकारी कंपनी ‘मेनसा इंटरनेशनल’ द्वारा विश्व-स्तर पर आयोजित करी जाती है। इस परीक्षा के लिए केवल वे प्रतियोगी ही चुने जाते हैं जो विभिन्न बुद्धिमत्ता परीक्षाओं में 98% से अधिक का स्तर प्राप्त करने में समर्थ होते हैं।

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अर्नव ने इस परीक्षा को सेलवेशन सेंटर में लगभग ढाई घंटे में पूरा किया। ध्यान देने वाली बात यह है की इस परीक्षा के लिए अर्नव ने एक तो कोई खास तैयारी नहीं करी थी और न ही इस प्रकार की कोई और परीक्षा इससे पहले कभी दी थी । इस परीक्षा की कठिनाई का स्तर इसी बात से जाना जा सकता है की अधिकतर प्रतियोगी इस परीक्षा को पास करने की उम्मीद ही नहीं करते हैं। अर्नव ने पत्रकार को बताया की हालांकि उसने इस परीक्षा के लिए कोई खास तैयारी नहीं करी थी लेकिन वो परीक्षा के दौरान बिलकुल भी नहीं घबराया था। उसके परिवार के लोग इस बात से हैरान जरूर थे लेकिन उसके बौद्धिक कौशल के प्रति आश्वस्त थे। उसने आगे बताया की इस परीक्षा को देने के लिए कुछ सात-आठ लोग थे जिनमें उसके अलावा दो बच्चे थे और शेष व्यक्ति पूर्ण वयस्क थे।  इस परीक्षा से पहले अर्नव ने अपने देश में एक अन्य प्रतियोगिता में भाग लिया था जिसमें उसके शाब्दिक तार्किक कौशल को जांचा गया था और उसमें भी उसने सबसे पहला स्थान प्राप्त किया था।

अर्नव ने इस मेनसा टैस्ट में 162 का स्कोर प्राप्त किया है जो प्रसिद्ध जर्मन भौतिकी वैज्ञानिक एल्बर्ट आइन्स्टाइन और स्टेफेन हौकिंस के स्कोर से दो पॉइंट अधिक है। इस स्कोर के आधार पर अर्नव विश्व का सबसे बुद्धिमान व्यक्ति की श्रेणी में बड़ी सरलता से आ गया है।

इंग्लैंड के समाचार स्रोत इस बात की पुष्टि करते हैं की क्रोसफील्ड स्कूल में पढ़ने वाले अर्नव को ब्रिटेन के मशहूर कॉलेज, एटोन कॉलेज और वेस्टमिन्सटर ने अपने यहाँ पढ़ने के लिए चुन लिया है।

अर्नव की क्षमता और योग्यता अंको और शाब्दिक तार्किकता में ही नहीं है बल्कि कोडिंग, रीडिंग, तैराकी, बैडमिंटन, प्यानो, और भौगोलिक जानकारी प्राप्त करना भी उसके शौक की सूची में शामिल हैं।

 

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