फिर भी

आरक्षण और भारत की दुर्दशा

Reservation and plight of India

आज हिंदुस्तान में आराक्षण रुपी जिन्न विक्राल रूप धारण कर चूका है, ओ बी सी, एस सी, और एस सी एस टी तो पहले से ही थी. अब उसमे जाट,गुर्जर, पटेल और अल्प संख्यक भी अपने आरक्षण की मांग कर रहे हैं और सत्ता लोलुपता वादी पार्टिया वोट के डर की वजह से जनता को गुमराह कर रही है.जिस के कारण हर जाती के लोग उग्र आंदोलन करने की धमकी देते है लेकिन उन्हें (जाती के ठेकेदारों ) ठोस जवाब कोई नहीं देता, और इनके आंदोलन की वजह से सरकार को भरी नुक्सान व् जनता को बहुत ज्यादा तकलीफ उठानी पड़ती है.

अगर इसका इलाज सही समय पर नहीं किया गया तो आने वाली पीढ़िया हमें कभी माफ़ नहीं करेगी.ये बात भी नहीं है कि इसका इलाज ही नहीं हो अगर नेता चाहे तो सब कुछ संभव है जरूरत है तो सिर्फ अपनी इच्छा शक्ति की जिसकी अपने नेताओं के पास बहुत ज्यादा कमी है.

आरक्षण शुरू हुआ था गरीब जनता के लिए जिनके पास नौकरी नहीं थी और पढ़े लिखे भी नहीं थे और पढ़े लिखे भी बहुत कम थे संख्या में भी और क्लास में भी. लेकिन इतने सालों में इन जातियों ने अपने अपने समाज में बहुत अच्छी मजबूत स्थिति बनाली है. तो अब सरकार को इन बातों पर एक बार फिर से विचार करना चाहिए, क्योंकि आरक्षण की वजह से कुछ जातियां जो अब तक जनरल में थी उन लोगो की स्थिति उनके अपने समाज में सोचनीय हो गयी है और जिन जातियों ने इतने सालों से इसका लाभ लिया वो लोग अब बहुत मजबूत स्थिति में आ गये है.

इसीलिए अब उनको आरक्षण की जरूरत नहीं है. लेकिन अगर लाभ मिल रहा है तो कोई भी नहीं छोड़ना चाहता तो जो लाभ जिन जातियों को एक बार मिल गया है वो उन्हें इतनी आसानी से नहीं छोड़ेगा. जब तक इसका कोई ठोस उपाय नहीं करेंगे जैसे :- जो भी गरीब परिवार ( किसी भी जाती या धर्म से हो सकता है ) है उनके बच्चो को कॉलेज तक की पढाई बिलकुल मुफ्त में करवानी चाहिए.

अगर कोई बच्चा प्रोफेशनल कोर्स करना चाहे तो भी उस से फीस नहीं लेनी चाहिए, इससे जो भी बच्चा गरीब परिवार से है वो पढ़ा लिखा होगा जिसको नौकरी मिल गयी वो नौकरी करलेगा और जिसको नौकरी नहीं मिली वो अपना खुद का दूकान शुरू कर सकने जैसा पढ़ा लिखा होगा जिससे वो बेरोजगार नहीं रहेगा और अगर दुकान खोलने में सक्षम नहीं है तो किसी प्राइवेट संस्था में काम करने के काबिल भी हो जायेगा. जिससे बेरोजगारी नहीं बढ़ेगी और हमारे देश के नवजवान खाली नहीं रहेंगे.

लेकिन सरकारी नौकरियों में किसी भी जाती या धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दिया जाना चाहिए. इससे दो फायदे है एक तो जो भी बच्चा काबिल होगा उसे ही नौकरी मिलेगी जिससे सरकार में अच्छे कर्मचारी होंगे तो काम बहुत ही अच्छा होगा और देश तरक्की करेगा. दूसरा हमारा पूरा देश साक्षर हो जायेगा. अब आप ही बताएं की आरक्षण से देश को नुकशान हो रहा है या नहीं ? जय हिन्द.

विशेष:- ये पोस्ट इंटर्न सुशिल ओझा ने शेयर की है जिन्होंने Phirbhi.in पर “फिरभी लिख लो प्रतियोगिता” में हिस्सा लिया है, अगर आपके पास भी है कोई स्टोरी तो इस मेल आईडी पर भेजे: phirbhistory@gmail.com

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