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हटा विकास खण्ड के ग्राम पंचायत बरखेरा चेन और बिनती में स्वछता और पानी बचाओ अभियान शुरू

हटा विकास खंड के ग्राम पंचायत बरखेरा चेन और बिनती में मंगलवार को स्वच्छता व पानी बचाओ अभियान के तहत बोरी बंधान का कार्य किया गया इस दौरान जिला पंचायात सी.ई.ओ. एच.एस मीना आर के चैवे, जनपद अध्यक्ष प्रतिनिधि संदीप राय, उपाध्यक्ष प्रतिनिधि बद्री व्यास, अशोक सिंह एवं समाज सेवी संजू बाबा, सरपंच माया राम, सहायक मंत्री के.एन. कुर्मी तथा उपमंत्री विनय तिवारी सहित दर्जनों ग्रामीण उपस्थ्ति रहें.BArkhera chain me pani bachao abhiuyan shuruइस अभियान के तहत लोगों को पानी के प्रति जागरुक होने की जानकारी दी साथ ही बताया गया कि पानी हमारे लिए कितना महत्वपूर्ण है और पानी को बर्बाद करना मतलब आने वाली पीढ़ियों का जीवन बर्बाद करना है. जिला पंचायात सी.ई.ओ.एच.एस मीना आर के चैवे ने अभियान को संबोधित करते हुए लोगों को पानी के महत्व की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि अगर हम आज पानी की रक्षा करते हैं तभी हमारी आने वाली पीढ़ियां पानी का सही से उपयोग कर पाएंगी वरना वह दिन दूर नहीं जब हम बूंद बूंद के लिए तरसेंगे.

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अभियान में उपस्थित सरपंच मायाराम ने स्वछता में पानी बचाओ अभियान के तहत स्वच्छता और पानी बचाने के लिए सुझाव दिए उन्होंने बताया कि स्वच्छता ना होने के कारण ही हम बार-बार बीमार पड़ते हैं. हम बार-बार डेंगू मलेरिया चिकनगुनिया आदि का शिकार होते हैं अगर हम अपने आसपास स्वच्छता रखते हैं तो जल्दी से हम बीमार भी नहीं पड़ते हैं और यह हमें समझना होगा कि जहां हम रहते हैं वह हमारा ही गांव है और जिस देश में हम रह रहे हैं वह हमारा ही देश है, इन सब बातों को ध्यान में रखकर हमें स्वछता पर ध्यान देना होगा.

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अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने बताया कि हमारी पीने की जरूरतों के लिए पानी नदियों से आता है अब तक नदियों का 40% पानी सूख चुका है और आने वाले समय में यह पानी कम ही होता जा रहा है. इसलिए हमें जागरुक रहना होगा पेड़ लगाने होंगे जिससे हमारी आने वाली पीढ़ियां भी पानी का लाभ उसी तरह उठा सके जिस तरह हम उठाते हैं.

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जनपद अध्यक्ष प्रतिनिधि संदीप राय ने कहा कि क्या हम जल की रक्षा जीवन की तरह करते है? क्या हम उतनी ही तबज्जो देते हैं जितना की इंसान की जिन्दगी की? इन सभी प्रश्नो के जबाव न में ही होगे, हम सभी जानते ही पानी केे बिना जीवन की कल्पना भी नही कर सकते, हमें जल को बहुत सहेज कर रखने की जरूरत है नहीं तो वह दिन दूर नही है कि जब हम एक एक बूंद पानी के लिये तरसेगें. पानी हीे एक मात्र ऐसा धन हैं जिसे हम सहेज के रखेगें तभी हमारी आनें वाली पीढ़ी उसे उपयोग कर पाऐगी.

[स्रोत- नितेन्द्र सिंह यादव]

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