फिर भी

अच्छे को कभी अपनी पलके भिगोने की ज़रूरत नहीं

प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री अच्छे लोगो को हिम्मत न हारने की प्रेरणा दे रही है। वह कहती है कि अच्छाई की राह में अगर कांटे है तो सुकून भी वही है। कवियत्री कहती है सच्चे और सीधे इंसान को कभी डरने की ज़रूरत नहीं क्योंकि ईश्वर ने अपनी हर किताब में लिखा है कि वो सच का साथ देते है। गलत राह पर चलने वाले, कुछ पल की ख़ुशी के लिए, अपना भविष्य ख़राब कर लेते है।tear

इंसान की अच्छाई उसके साथ जन्मो जन्मांतर तक जाती है इसलिए अगर दुनियाँ में रह कर कुछ करना ही है तो सच का साथ दो अपना हर काम को ईमानदारी से करो। जब तक कुछ बड़ा हासिल न करलो किसी को कुछ न समझाओ क्योंकि सूर्य जब उदय होता है तो सबको दिखता है वो कभी खुदका बखान नहीं करता।

अब आप इस कविता का आनंद ले।

अच्छे को कभी अपनी पलके भिगोने की ज़रूरत नहीं।
ये बात भी ईश्वर ने अपनी हर एक किताब में है कही।
दुनियाँ की इस भीड़ में, देता हूँ मैं बस सच्चाई का साथ।
सबके दुखो के पीछे होता ,सबके गलत कर्मो का हाथ।

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कोई मारता ठोकर, तो कोई सच्चा प्यार भी दिखाता है।
किसी मासूम को तड़पाकर, न जाने क्यों इस दुनियाँ को मज़ा आता है?
अच्छाई बुराई को भी, क्यों अच्छी राह दिखाती है ??
अपने लिए ही बस सोच कर, वो अपने में क्यों नहीं रह पाती है ??
अपना हाले दिल, वो किसी से सीधे-सीधे नहीं कह पाती है।
लिख देती अपना हाले दिल, कागज़ के चंद टुकड़ो में।
टूट के बिखर जाता हर मानव, अपने-अपने दुखड़ो में।

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ये कायनात भी उसी का साथ देती है।
जिसकी इमानदारी इस दुनियाँ को भी हिला देती है।
बिन बात पर सह कर, बहुत से वीरो ने बहुत कुछ पाया है।
उनकी वीरता को देख, इस कवियत्री को भी ये ख्याल आया है।
क्यों न हम सिर्फ सच्चाई की राह में चलते जाये।
मद-मस्त होकर, आगे आने वाले कल में, हम भी प्यार भरे गीत गुनगुनाये।

धन्यवाद

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