प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री दुनियाँ को यह समझाने की कोशिश कर रही है कि ये मन बड़ा ही चंचल है। कभी-कभी न चाहते हुये भी हम कुछ ऐसा काम कर देते है जिसके लिए हमे बाद में पछताना पड़ता है। कवियत्री सोचती है वो पल बड़ा ही कीमती होता है अगर उस वक़्त हम खुद के भावो को रोक पाये तो आगे आने वाले तुफानो से बचा जा सकता है लेकिन अक्सर ऐसा होता है जब हम किसी से कुछ गलत कह देते है फिर बाद में हमे अपनी गलती का एहसास होता है।
ये जीवन का एक सच है जिसे हमे स्वीकारना ही होगा क्योंकि इस मन की वजह से ही कभी कभी हमारे बनते काम बिगड़ जाते है। याद रखना दोस्तों जो लोग अपने मन पर काबू पाने का रोज़ प्रयास भी करते है वह ईश्वर के सबसे प्रिय होते है, क्योंकि मन पर काबू पा कर हमे अपने अंदर के अच्छे इंसान को बहार निकलना है और ये कार्य इतना सरल नहीं क्योंकि जब हम अपने अंदर की अच्छाई को जगाते है तब हमारे अंदर की बुराई ही हमे बहुत दुखी करती हैऔर फिर हमसे अगर ज़रा भी गलती होजाये तो लोग हमारे प्रति गलत धारणा बना लेते है। जो लोग इस मन को सही दिशा में लगा देते है अपने अच्छे कर्मो द्वारा फिर वो इस दुनियाँ में हमेशा के लिए अपनी छवि छोड़ जाते है।
अब आप इस कविता का आनंद ले।
बात कुछ भी नहीं होती,
फिर भी ये मन,उसे बड़ा बना देता है।
अपने आगोश के दायरे में,
ये अक्सर सबको ले लेता है।
जो बात सोचने की भी नहीं होती,
ये उन बातो पर भी मचलता है।
गिरा कर अपना ही मान,
फिर अपनी गलती एहसास कर ही संभलता है।
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उस दरमियाँ लोग हमे देख,
हमे गलत समझ लेते है।
इस कश्मकश के दरमियाँ वो हमसे,
बहुत कुछ कह देते है।
बस यूही लग जाती है चिंगारी जीवन में लड़ाई की।
उस परिस्थिति के दरमियाँ,
तुमने सामने वाले की क्यों नहीं बड़ाई की??
कर देते तो शायद बात संभल जाती।
तुम्हारे सही व्यवहार से ही तुम्हारी ज़िन्दगी सुधर जाती।
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अब उन गलत शब्दों के घावों को भरने में देरी तो होगी।
जीवन में ऐसी परीक्षाये न जाने और भी तुम्हे कितनी देनी होगी।
संभाल कर खुदको, हर परीक्षा में तुम्हे पास होना है।
गलती कर पहले, फिर बाद में नहीं रोना है।
भविष्य के इतिहास का बीज,
तुम्हे आज अपने अच्छे कर्मो से बोना है।
धन्यवाद।