कैंसर, एक ऐसी बीमारी का नाम है जो मौत के दूसरे नाम से जाना जाता है. यदि किसी इंसान को यह पता चल जाए कि उसे कैंसर जैसी भयानक बीमारी हो गई है तो वह अपनी जिंदगी को मानो खत्म समझने लगता है और उससे लड़ने की बजाये सिर्फ अपने आखिरी दिन गिनने लगता है. परंतु आपको याद ही होगा भारतीय क्रिकेट टीम के सिक्सर किंग युवराज सिंह को भी कैंसर जैसी भयानक बीमारी हुई थी. परन्तु उन्होंने उससे उतने ही साहस के साथ लड़ाई लड़ी जिस तरीके से वह मैदान में तेज गेंदबाजों का हिम्मत के साथ सामना करते हैं. कैंसर से ठीक होने के बाद युवराज सिंह देश में लोगों को कैंसर के प्रति जागरूकता का अभियान चला रहे हैं.
जैसा की हम सभी जानते हैं वर्ल्ड कप 2011 के बाद युवराज सिंह को कैंसर की बीमारी हो गई थी इसके बाद उन्होंने अमेरिका में उसका इलाज कराया था. युवराज सिंह की हिम्मत और धैर्य की असली परीक्षा हुई थी, ठीक होने के बाद उन्होंने क्रिकेट के मैदान में वापसी भी की और तब से पूरे देश में कैंसर के प्रति जागरूकता चला रहे हैं इसी दौरान उन्होंने मथुरा के नयति हॉस्पिटल में कैंसर यूनिट का उद्घाटन किया और वहां के लोगों को कैंसर के प्रति बहुत सारी जानकारी बताएं.
युवराज ने बताया कि कैंसर एक खतरनाक बीमारी जरूर है लेकिन अगर इसका सही समय पर पता चल जाए तो इसका इलाज होना संभव है. कैंसर के अलग-अलग चरण होते हैं यदि किसी को पहले चरण में पता चलता है कि उसको कैंसर है तो उसका इलाज होना संभव है. साथ ही साथ युवराज सिंह ने बताया कि कैंसर छूने से नहीं होता क्योंकि बहुत सारे लोगों में यह गलतफहमी है कि कैंसर छूने से साथ उठने-बैठने से भी हो जाता है.
हालांकि युवराज सिंह भारतीय क्रिकेट टीम से बाहर चल रहे हैं टीम में वापसी के लिए यो-यो टेस्ट को पास करने की तैयारी कर रहे हैं क्योंकि बिना यो-यो टेस्ट पास किए भारतीय टीम में जगह बनाना मुश्किल है.