फिर भी

आपकी लिखावट आपकी परछाई है

हमने अक्सर लोगों को कहते हुए सुना होगा कि यदि आप किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व के बारे में जानना चाहते हैं तो आप उस व्यक्ति की लिखावट देख लीजिए. आपको पता चलेगा कि वह व्यक्ति किस प्रकार का है. किसी भी व्यक्ति की लिखावट उसकी परछाई मानी जाती है. handwritingहम सब जानते हैं कि आजकल बड़ी-बड़ी कंपनियां भी कंडीडेट से इंटरव्यू के दौरान राइटिंग करवाती है जिसके आधार पर वह लोगों को नौकरियां देती है. डॉक्टर्स भी आजकल मानसिक तौर पर बीमार लोगों का इलाज उनकी लिखाई के आधार पर कर रहे हैं.

रिसर्च के अनुसार आपकी लिखावट में पाई गई कमियों को एक तरह से आपकी मानसिक कमी माना जाता है, ऐसा कहा जाता है कि जो बच्चे दिमागी तौर पर कमजोर होते हैं वह अपनी लिखावट में भी बहुत कमजोर होते हैं.

हम सब जानते हैं कि लिखावट यानी लेखन एक बहुत ही मुश्किल प्रक्रिया है जिसमें आप मानसिक तथा शारीरिक रूप से शामिल होते हैं. यदि आप कुछ लिखने जा रहे हैं तो उस के दौरान आपकी मांसपेशियों की निपुणता पेंसिल को पकड़ने की तरीका और आपकी राइटिंग पर आती है.

यदि कोई भी बच्चा अपने होमवर्क को करने से बचना चाहता है तो वह उस बच्चे की योग्यता या उसकी परेशानियों को साफ-साफ दर्शा रहा होता है कि बच्चे को लिखने में समस्या है फिर बच्चे के पास लिखने के लिए कोई भी शब्द नहीं है.

यदि आप किसी बच्चे की योग्यताओं को मांगते हैं तो सबसे पहले आप जरूर ध्यान रखें कि बच्चे ने पेंसिल को किस मुद्रा में पकड़ी हुई है, क्या कर मुद्रा सही है या गलत, बच्चे ने अक्षर को या नंबरों को किस प्रकार का लिखा है. शब्द सीधे हैं या उल्टे अक्षरों की उचित बनावट, साथ ही आप इस बात का खास ध्यान रखें कि बच्चे को कहीं ब्लैक बोर्ड से कोई समस्या नहीं है.

आपको बताते हैं कि यह मोटर गुण तथा उसके शारीरिक विकास को डॉक्टर की सहायता से बड़ी आसानी से कर सकते हैं. बच्चों को घर पर रखकर ही उन्हें अक्षरों का ज्ञान कराया जा सकता है. साथ ही साथ उन्हें गिनती भी सिखाई जा सकती है वह भी बिना पढ़ाए खिलौनों की सहायता से, जी हां बाजार में ऐसे बहुत से खिलौने आते हैं जो सिर्फ बच्चों को पढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.

जिससे बच्चों के दिमाग में वृद्धि होती है और उनका ज्ञान भी बढ़ता है.यदि आपको लगता है कि आपका बच्चा जो गिनती व अक्षर सीखने की सामान्य एज पार कर चुका है और बार-बार गलतियां करता है तो यह संकेत उसके दिमागी तकलीफ बताता है.

दूसरी कक्षा में जाने पर लगभग सभी बच्चे गिनती व अक्षर ज्ञान पा लेते हैं जो उनके लिए अधिक होता है. मगर यदि आपका बच्चा दूसरी क्लास पार करने के बाद भी अक्षर ज्ञान व गिनती नहीं लिख पाया है तो आपको जरूर डॉक्टर के पास जाना चाहिए.

यदि आपके बच्चे की आंखें कमजोर हैं और उसे किताब पढ़ने कॉपी से नोट करने या ब्लॉक वह देखने में परेशानी होती है तो आप उसे आंखों के डॉक्टर को जरूर दिखाएं क्योंकि उसका प्रभाव उसकी आंखों की कमी है.

आपके बच्चे को किसी चीज को लिखने या उसके उदाहरण देने में कोई समस्या आती है या फिर वह शब्दों का उच्चारण ठीक से नहीं कर पाता है तो आपको चिकित्सक के पास जाने की जरुरत है. साथ ही अपने बच्चे को समझना चाहिए, ताकि आपके बच्चे को ऐसी समस्याओं का सामना लगातार नहीं करना पड़े.

आपके द्वारा लिखे अक्षरों का आकार आपकी व्यक्तित्व को दर्शाता है कि आप सकारात्मक या नकारात्मक प्रकृति के हैं यदि कोई व्यक्ति लिखते हुए कलम को कसके पकड़ता है तो वह व्यक्ति बहुत अच्छे प्रकृति का होता है और वह मानसिक तौर पर मजबूत होता है.

वही यदि कोई व्यक्ति लिखते हुए कलम को हल्के कैसे पकड़ता है तथा तिरछे अक्षर लिखता है तो उस व्यक्ति की लिखावट यह दर्शाती है कि वह व्यक्ति बहुत सुशील तथा कमजोर है.

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