जयपुर – किसानों के बद से बदतर होते हालात, एक ओर जहाँ बारिश समय पर ना होने की वजह से किसानों की फ़सले व मेहनत बेकार होती नज़र आ रही हैं तो वही दूसरी ओर सरकार द्वारा किसानों को नज़रअंदाज़ किया जाना भी किसी से छिपा नहीं हैं । आज किसी भी राज्यों में अन्नदाताओं द्वारा जो आत्महत्याएं की जा रही वो भी किसी से छिपी नहीं हैं ।
आज की इस मंहगाई में अन्नदाताओ द्वारा अच्छी क़िस्म और मंहगे बीज लाकर, खेतों में मेहनत करने के बाद भी जब अन्नदाताओ को उनका मेहनताना नहीं मिलता तो हतास किसान के पास आत्महत्या करने के सिवाय कोइ दूसरा रास्ता नहीं रहता ।
आज देश में किसानों के एेसे हालात देखकर हर कोई दंग हैं। क्या हमारे अन्नदाता के ऐसे ही हालात होने चाहिए । एक ओर किसानों पर अपनी फ़सल ख़राब होने से मार पड़ी हैं तो दूसरी ओर महँगाई की। ऐसे में ज़रा सोचिये, एक ग़रीब किसान परिवार के क्या हालात होते होंगे। अगर अभी भी किसानों के हक़ में मज़बूत फैसले नहीं लिये गये तो हमें डर हैं कि ये एक समय कृषी प्रधान रहे देश मे हमारे अन्नदाता ही ना रहे ।
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जिस प्रकार वर्तमान समय में अन्नदाता कृषी कार्य छोड़ कर शहरों में काम की तलाश में भटक रहे हैं यह देश व सरकार के लिये बहुत बड़ी समस्या हैं। इसके जल्द से जल्द समाधान करने होंगे । वरना देश में लोगों के पास पैसा,गाड़ी व बंगले तो होंगे पर अनाज के लिये लोग तरस जायेंगे।
[स्रोत – कमलेश चौहान]