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राजस्थान में बना दुनिया का सबसे छोटा तिरंगा

15 अगस्त को पूरे देश में 71 वां स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा। राष्ट्रीय ध्वज देश के लिए सम्मान, सौहार्द और समृद्धि का प्रतीक होता है। राष्ट्रीय ध्वज को देखने से ही मन उत्साह और देशभक्ति की भावना से भर उठता है। राष्ट्रीय ध्वज की गरिमा को विश्व स्तर पर बनाने के लिए कुछ देशभक्त नए नए तरीके अपनाकर विश्व रिकॉर्ड बनाने का प्रयास करते हैं। इस 71 वें स्वतंत्रता दिवस पर एक विश्व रिकॉर्ड बनाया है राजस्थान के सूक्ष्म स्वर्ण शिल्पकार इकबाल सक्का ने।

इकबाल सक्का ने दुनिया का सबसे छोटा राष्ट्रीय ध्वज बनाया है। यह ध्वज से शुद्ध सोने से बना है। यह ध्वज इतना छोटा है कि यह दुनिया की सबसे पतली सूूई के छेद से भी निकल सकता है। इस ध्वज को खुली आंखों से नहीं देखा जा सकता इसे देखने के लिए माइक्रोस्कोप की आवश्यकता होगी। इस ध्वज का आकार केवल 0.5 मिली मीटर है इसे खुली आंखों से देखना मुमकिन नहीं है।

इससे पहले कनाडा में बना था सबसे छोटा राष्ट्रीय ध्वज

कनाडा के वाटरलू विश्वविद्यालय के एक छात्र ने इससे पहले सबसे सूक्ष्म राष्ट्रीय ध्वज बनाया था। एकबाल सक्का का दावा है कि उनके द्वारा बनाया गया राष्ट्रीय ध्वज कनाडा में बने राष्ट्रीय ध्वज से भी छोटा है। इक़बाल सक्का इस राष्ट्रीय ध्वज का नाम नये रिकॉर्ड में दर्ज कराने में जुट गए हैं। इस झंडे की खास बात है कि यह दुनिया की सबसे पतली हुई (12 नंबर) के छोटे से छेद से आसानी से निकाला जा सकता है।

इकबाल सक्का झीलों की नगरी कहे जाने वाले उदयपुर के खैरादीवाड़ा के रहने वाले हैं। वह सूक्ष्म स्वर्ण शिल्पकार है और अपनी प्रतिभा से अनेक विश्व रिकॉर्ड बना चुके हैं। सक्का अब तक 52 विश्व रिकॉर्ड बना चुके हैं, सूक्ष्म राष्ट्रीय ध्वज के रूप में यह उनका 53 वां विश्व रिकॉर्ड होगा। इकबाल बचपन से ही कुछ हट कर करना चाहते थे ऐसे में उन्होंने स्वर्ण शिल्पकार के हुनर को अपनाया और थोड़े ही समय में इकबाल सक्का को इस क्षेत्र में महारत हासिल हो गई। जब उन्हें इस बात का पता चला कि इस हुनर के द्वारा दुनिया में अनेको कलाकृतियां बनाकर विश्व रिकॉर्ड बनाए गए हैं तो इकबाल भी लग गये नए-नए विश्व रिकॉर्ड बनाने में, इकबाल ने उनेको ऐसी दुर्लभ आकृतियां बनाई है जिन्हेंं देखकर लोग दांतो तले उंगली दबा जाते हैं।

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