फिर भी

वर्ल्ड अल्जाइमर डे: जीवनशैली में बदलाव ही है अल्जाइमर का इलाज

आज पूरी दुनिया में वर्ल्ड अल्जाइमर डे मनाया जा रहा है। अल्जाइमर क्या होता है इस बारे में हम इस लेख के माध्यम से चर्चा करेंगे। इस बीमारी के बारे में अलोइस अल्जाइमर ने लोगों को जागरुक किया था इसलिए इस बीमारी का नाम अल्जाइमर रखा गया।word alzheimer's dayअल्जाइमर क्या है

अल्जाइमर एक भूलने की बीमारी है। इस बीमारी में इंसान की मानसिक क्षमता में कमी आने लगती है तथा धीरे धीरे उन्हें सामान्य जिंदगी व्यतीत करने में परेशानी होने लगती है। आंकड़ों के अनुसार भारत में करीब 50 लाख से अधिक लोग मानसिक बीमारियों से ग्रसित है जिसमें से 80 फ़ीसदी लोग अल्जाइमर से पीड़ित हैं और डॉक्टर्स के मुताबिक 2030 तक यह स्थिति और भी भयावह हो सकती है। 2030 तक इस बीमारी से ग्रसित लोगों की संख्या दोगुनी होने के अनुमान है।

अल्जाइमर के लक्षण

अल्जाइमर बीमारी दिमाग में एमलोइड नामक प्रोटीन इकट्ठा होने के कारण होती है। यह बीमारी बढ़ती उम्र में होती है। सबसे ज्यादा चिंतनीय बात यह है कि इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है। इस बीमारी में व्यक्ति की याद रखने की छमता कम होती जाती है तथा वह किसी भी मामले में जल्दी फैसला लेने में असमर्थ होता है।

[ये भी पढ़ें: क्या आप जल्दी थक जाती हैं]

अल्जाइमर के सामान्य लक्षणों में याददाश्त कम होना, समय और जगह से भटकना, एक सवाल बार बार पूछना, आसान गिनती ना कर पाना, धीरे धीरे स्वभाव में बदलाव आदि मुख्य रूप से इस बीमारी के लक्षण हैं।

अल्जाइमर होने के कारण

किसी भी बीमारी के होने में हमारी जीवन शैली बहुत बड़ी वजह होती है। अल्जाइमर भी हमारी जीवन शैली से जुड़ी बीमारी है। बिगड़ती जीवन शैली के कारण जिस प्रकार थायराइड, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है उसी प्रकार हमारी याद रखने की क्षमता भी हमारी जीवन शैली से प्रभावित होती है। इस बीमारी का मुख्य कारण है दिन-रात मशीन की तरह कार्य करना तथा स्वास्थ्य पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं देना, खान पान की दिनचर्या का समय निर्धारित ना होना। यह बीमारी उन व्यक्तियों को अधिक होती है जो ब्लड प्रेशर तथा डायबिटीज जैसी बीमारियों से पीड़ित होते हैं। तथा सिर में चोट लगना भी इस बीमारी की एक बडी वजह है।

जीवनशैली में बदलाव ही है इस बीमारी का उपाय

इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है लेकिन जीवन शैली में कुछ बदलाव करके इस बीमारी को बढ़ने से बचाया जा सकता है।

1-: जितना हो सके लोगों के बीच रहे यानि खुद को अकेला ना छोड़ें। परिवार के सदस्यों दोस्तों तथा सगे संबंधियों के साथ वक्त गुजारें उससे इस बीमारी का खतरा कम होता है।

2-: नियमित व्यायाम किसी भी बीमारी को कम करने में बहुत सहायक होता है। मैडिटेशन अल्जाइमर जैसी बीमारी को कम करने में मददगार साबित होता है।

[ये भी पढ़ें: ब्ल्यू टी से मिटायें शरीर की थकान]

3-: शरीर को एक्टिव रखें यानि शारीरिक गतिविधियों में भाग लें और शारीरिक कार्य करने से परहेज ना करें ।

4-: संतुलित भोजन ग्रहण करें। ताजा दूध, फल, सब्जी, अंडे आदि का सेवन आहार में अधिक से अधिक करें।

5-: पर्याप्त मात्रा में नींद लें। रोजाना 7 से 8 घंटे की गहरी नींद लेनी जरूरी है।

Exit mobile version