नम आँखों के साथ तालियां बजाने पर मजबूर कर देगी ‘सचिन: ए बिलियन ड्रीम्‍स’

sachin a billions dream movie review

कल रिलीज़ हुई सचिन ए बिलियन ड्रीम्‍स ने लोगो लोगो को काफी प्रभाबित किया.यह फिल्म एक डेव्यू ड्रामा है. यह फिल्म ज्यादातर प्रसारित क्रिकेट, तस्वीरों और घर पर फिल्म इंटरव्यूज के साथ बनाई गयी है. ‘भाग मिल्खा भाग’ और ‘एम स धोनी’ जैसी फीचर फिल्म न होते हुए भी इसमें एक अच्छी फिल्म के सारे गुण है.

इस फिल्म में क्रिकेट जगत के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर के जीवन सफर के साथ-साथ भारत के बदलते समाज और जनरेशन पर भी प्रकाश डाला गया है. यह फिल्म बताती है कि सब उम्मीदे साथ छोड़ने लगती है तो तरह अपने आप को संभालना होता है किस तरह अपने आप को उनका सामना करने लायक बनाया जाता है. साथ ही ये फिल्म ये भी बताती है कि किस तरह सचिन निराशाजनक माहौल में सब के लिए एक उम्मीद कि किरण बनकर आये.

अगर आप क्रिकेट के फैन है तो भी अगर नहीं है तब भी ये फिल्म आपको हंसाएगी, आँखे नाम कराएगी, और साथ ही खड़े होकर तालिया बजने पर मजबूर कर देगी. इस फिल्म में सचिन के जीवन को वो यादगार पल जो शयद आप पहले नहीं जानते होंगे.

इस फिल्म के निर्माता के निर्देशक जेम्‍स अर्सकाइन हैं और इसे जेम्‍स अर्सकाइन व शिवकुमार अनंत ने लिखा है. उन्होंने इस फिल्म को बहुत अच्छे तरिके से पेश किया है जैसे सचिन के जल्द आउट होने पर क्या सोचना, टीम के खराब परफॉर्मेंस पर क्या प्रितिक्रिया, जब पाकिस्तानी टीम ने उनको पहली बार देखा तो क्या बोला.

साथ ही पत्नी से किस तरह प्यार कि शुरुआत हुई और बहुत कुछ जो फिल्म के बीच-बीच में आपके जानने के लिए उत्सुकता बनाये रखता है. मै तो यही कहूँगा कि सचिन और क्रिकेट जगत के फेन्स को ये फिल्म जरूर देखनी चाहिए.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.