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14 जनवरी को ही क्यों मनाई जाती है, मकर संक्रांति

मकर सक्रांति नाम सभी से सुना है, और इस दिन लोग पतंग उड़ाते है, ये सबने देखा भी है, सुना भी है, और शायद उड़ाए भी हो, और आपके मन में प्रश्न भी आया होगा की ये हमेशा 14 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है। इसके मनाने के पीछे कारण क्या है। हम आज आपके लिए ऐसे ही प्रश्नो के उत्तर लेकर आये है, साथ ही मकर सक्रंति से जुडी कुछ विशेष बाते भी।

 

इस पर्व को मकर सक्रांति क्यों कहते है :

मकर सक्रांति भारत में मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहारों में से एक है। साथ ही यह त्यौहार नेपाल में
भी मनाया जाता है। मकर सक्रांति नाम के पीछे की कहानी सूर्य की स्तिथि से भी जुड़ी हुई है, कहा जाता है, की पौष महीने के इस दिन सूर्य धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में विराजमान हो जाता है। इसलिए इसे मकर सक्रांति कहते है।

मकर सक्रांति को उत्तरायण क्यों कहते है :

इस दिन के बाद सूर्य की गति की दिशा उत्तरायण भी हो जाती है। इसलिए इस त्यौहार को कई जगह
उत्तरायण भी कहते है।

14 जनवरी को मनाने का कारण :

सूर्य की दिशा उत्तरायण एवम मकर राशि में विराजमान होने की स्थिति जनवरी माह के चौहदवे- पहन्द्रवे दिन होती है। इसलिए मकर सक्रांति हमेशा 14 जनवरी को ही मनाई जाती है।

भारत के राज्यो में इसके अलग अलग नाम है :

भारत विभिन्नताओं का देश है। इसमे हर राज्य में अलग अलग भाषा बोली जाती है। इसके राज्यो के अलग अलग त्यौहार होते है। ऐसा ही कुछ मकर सक्रांति के साथ भी है। इस त्यौहार को अलग अलग राज्यो में अलग अलग नामो से जाता है।

1.मकर संक्रान्ति : छत्तीसगढ़, गोवा, ओड़ीसा, हरियाणा, बिहार, झारखण्ड, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्रमणि पुर, राजस्थान, सिक्किम, उत्तरप्रदेश, उत्तराखण्ड, बिहार, पश्चिम बंगाल, जम्मू
2.ताइ पोंगल :- तमिलनाडु
3.उत्तरायण :- गुजरात,उत्तराखण्ड
4.माघी:- हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब
5.बिहु :- असम
6.शिशुर सेंक्रात :-कश्मीर घाटी
7.खिचड़ी :- उत्तर प्रदेश और पश्चिमी बिहार
8.पौष संक्रान्ति :- पश्चिम बंगाल
9.मकर संक्रमण :- कर्नाटक

[स्रोत- विनोद रुलानिया]

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