विश्वासघात दिवस
संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने घोषणा की थी, कि वह आज 31 जनवरी को पूरे देशभर में विश्वासघात दिवस के रूप में मनाएंगे। इसी के चलते आज पूरे देश में किसानों द्वारा विश्वासघात दिवस मनाया जा रहा है। इसमें जिला और ब्लॉक स्तर पर कई बार बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। संयुक्त किसान मोर्चे से जुड़े सभी किसान संघ इस विरोध प्रदर्शन में हिस्सा ले रहे हैं। यह प्रदर्शन देश के कम से कम 500 जिलों में प्रदर्शित किया जा रहा है।
केंद्र सरकार के खिलाफ रोष जतायेंगे किसान
संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्र सरकार पर अपने वादे से मुकर जाने के कई आरोप लगाए हैं, इसलिए वह सरकार पर निशाना साधते हुए आज 31 जनवरी को विश्वासघात दिवस के रूप में मना रहे हैं। किसान नेताओं का कहना है कि 9 दिसंबर 2021 के जिस पत्र के आधार पर आंदोलन स्थगित किया गया था। उसमें से आज तक कोई भी वादा पूरा नहीं किया गया है। इसके ही चलते जिलों से लेकर हर तहसील में विरोध प्रदर्शन हो रहा है। दरअसल, किसानों के साथ हुए धोखे का विरोध प्रदर्शन करने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने 15 जनवरी को हुई अपनी बैठक में यह फैसला लिया था। इस प्रदर्शन में केंद्र सरकार के नाम ज्ञापन भी दिया गया था।।
किसानों की मांग
किसानों का कहना है कि 15 जनवरी की फैसले के बाद भी भारत सरकार ने 9 दिसंबर के अपने पत्र में कोई भी वादा पूरा नहीं किया है। इसमें मांग की गई थी कि आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए मामलों को तत्काल वापस लिया जाए, और शहीद परिवारों को मुआवजा दिया जाए। लेकिन अब तक कोई भी वादा पूरा नहीं किया गया है। इसके अलावा वहीं एमएसपी के मुद्दे पर भी सरकार ने कमेटी के गठन की घोषणा नहीं की है, इसलिए किसानों ने देश भर में विश्वासघात दिवस के माध्यम से अपना आक्रोश सरकार तक पहुंचाया है। विश्वास दिवस उत्तर प्रदेश हरियाणा से लेकर मध्य प्रदेश हर जगह पूरे देशभर में किसानों द्वारा मनाया जा रहा है, जो किसानों की आवाज सरकार तक पहुंचाने का एक माध्यम बना है।