हरदोई- बिलग्राम में सोमवार का दिन बिलग्राम नगरवासियों के लिए बेहद ही यादगार बन गया जब एक नहीं बल्कि दो-दो विद्वानों की पुस्तकों का विमोचन एक साथ किया गया इन दो नामचीन विद्वानों में एक फरीद बिलग्रामी हैं एवं दूसरे जय नारायण अवस्थी जी है।
अवस्थी जी को लेखन कला की प्रेरणा मिली है वहीं दूसरी पुस्तक की बात कर लेते हैं तो फरीद बिलग्रामी ने बिलग्राम नगर के राजनैतिक एवं साहित्यिक इतिहास नामक से पुस्तक लिखी है इस पुस्तक को देखकर एक बात तो साफ जाहिर होती है कि कितनी लगन और मेहनत से इस पुस्तक को फरीद बिलग्रामी ने लिखा होगा जो आज की पीढ़ी के लिए पढ़ना कितना जरूरी है इस किताब में फ़रीद बिलग्रामी ने राजनैतिक एवं साहित्यिक इतिहास पर जितनी गहराई में जाकर बिलग्राम की राजनिति पर प्रकाश डाला है।
अभी तक जितनी भी पुस्तके बिलग्राम में लिखी गई है। शायद ही अभी पुस्तक लिखी गई हो। बताते चले बिलग्राम के इतिहास पर सैकड़ों किताबें लिखी गई हैं परंतु वह एक कम्युनिटी या खानदान तक सीमित रही हैं परंतु इस किताब में बिलग्राम के सभी परिवारों एवं सभी धर्मों के लोगों पर बारीकी से रोशनी डाली गई है अभी तक पता करने पर बिलग्राम का इतिहास महमूद गजनबी के 1018 ईसवी से पता चला था। लेकिन वहा के लोगो के अनुसार बिलग्राम का स्वर्णिम काल मुगल काल से ब्रिटिश काल तक रहा है बिलग्राम के महत्वपूर्ण व्यक्ति महिला लेखक और बिलग्राम की धरोहर मंदिर मस्जिद पुराने अभिलेखों के फोटो एवं 1857 का गदर समेत तमाम चीजों पर फरीद बिलग्रामी ने बड़े मार्मिक ढंग से प्रकाश डाला है।
फरीद बिलग्रामी का जन्म वैसे तो सीतापुर जिले के खैराबाद में हुआ था लेकिन 1972 में वह बिलग्राम में नौकरी करने आये थे और यही पर उन्होने अपनी शिक्षा पूरी की और बिलग्राम का इतिहास लिखने से पहले फ़रीद जी ने चार और किताबें लिखी हैं लेकिन उन किताबो में से ये किताब बिल्कुल अलग है।
किताब दो भागों में बाँटा गया है। भाग एक में बिलग्राम के राजनैतिक इतिहास पर प्रकाश डालता है तो वही पर दूसरे भाग में साहित्यक इतिहास से सराबोर है इस दौरान जिले के तमाम तमाम जानी मानी हस्तियां मौजूद रही जिनमें विधायक रजनी तिवारी, विधायक आशीष सिंह आशु, राजेश यादव पूर्व जिलाध्यक्ष सपा, अनुराग मिश्रा, वरिष्ठ पत्रकार अरुणेश बाजपेई, पूर्व विधायक सतीश वर्मा, सुरेश तिवारी एवं बिलग्राम के जाने माने कवि रफीक रस सिन्धु बिलग्रामी आदि लोगो के साथ भारी संख्या में नगर के लोग मौजूद रहे और लोगो ने दोनो कवियो की जमकर तारीफ की।
[स्रोत- लवकुश सिंह]